• दांत स्वस्थ और खूबसूरत रहे इसका प्रयास करना चाहिए: डॉ. सौरभ उपाध्याय
  • विद्या डेंटल हास्पिटल में आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर में सैकड़ों की हुई जांच

जौनपुर। आपके बच्चे के दांत समय पर नहीं आ रहे हैं या टेडेमेढ़े हैं तो उसका समय पर उपचार जरूरी है। अन्यथा दांतों की सुंदरता खत्म हो सकती है। सात साल की उम्र में हर बच्चे के दांतों की जांच आवश्यक है। वर्तमान में यह समस्या आम हो गई है। दांत व्यक्ति की सुंदरता का पैमाना भी है। ऐसे में दांतों का ख्याल बेहद जरूरी है। यह बातें रविवार को नगर के विद्या डेंटल हास्पिटल व ट्रामा सेंटर पर आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर में जांच के दौरान वरिष्ठ दांत चिकित्सक डॉ. आवेश सचान ने कही। शिविर में सैकड़ों मरीजों की निःशुल्क जांच कर दवाएं वितरित की गई।

शिविर को संबोधित करते हुए डॉ. सौरभ उपाध्याय ने कहा कि दांत हमारे शरीर का न केवल महत्वपूर्ण भाग है बल्कि हमारी सुंदरता का भी प्रतीक है। ऐसे में दांत स्वस्थ और खूबसूरत रहे इसका प्रयास करना चाहिए।
दांतों की समस्या का कारण: अनुवांशिक। कई आदतों के कारण भी ऐसा होता है। अंगूठा चूसना, नाखून चबाना, तुतलाना, मुंह से सांस लेना इत्यादि प्रमुख लक्षण है।
उपाय: प्रत्येक बच्चे का सात साल तक की उम्र में एक बार चिकित्सकीय परीक्षण जरूरी है। ऐसे दातों का उपचार किया जाता है। आदतें छुड़ाने के लिए भी (हैबिट बे्रकिंग डिवाइस) भी दिया जाता है।
नुकसान: उपचार नहीं कराने पर दांतों की सुंदरता प्रभावित होती है। दांत भद्दे भी हो सकते हैं। बच्चे का आत्मविश्वास भी डगमगा जाता है और वह मानसिक रोग से ग्रस्त भी हो सकता है। इसके अलावा, दांतों में कीड़ा लगना, मुंह से बदबू आना और पाइरिया की समस्या हो सकती है। इस मौके पर डॉ. सूची सिंह, अविनाश, पंकज आदि लोगों ने शिविर को सकुशल संपन्न कराने में अपना योगदान दिया।



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