जौनपुर: अब अनुसूचित जाति आबादी वाले गांवों की बदलेगी तस्वीरः विपिन यादव | #AAPKIUMMID
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जौनपुर। समाज कल्याण अधिकारी (विकास)/जिला प्रबंधक विपिन यादव ने बताया कि अनुसूचित जाति आबादी वाले बाहुल्य गांवों की तस्वीर बदलेगी। अब यह गांव मॉडल बनेंगे जिसकी तैयारी शुरू हो गयी है। पहले चरण में 10 गांव की कार्य योजना तैयार की गयी है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित केराकत क्षेत्र के कुसम्ही, कनौरा, अमिलिया, खेवसीपुर, अकबरपुर व जफराबाद क्षेत्र के लालपुर, पिलखिनी व सदर क्षेत्र का कोहड़ा व शाहगंज क्षेत्र का मनवल और मछलीशहर क्षेत्र का सहिजदपुर को शामिल किया गया है। इन गांवों को विकसित करने के लिये सबसे पहले गांव में शुद्ध पेयजल की दिशा में काम किया जायेगा। बिजली व्यवस्था को सुधारने के साथ गांव की गलियों से लगते मुख्य मार्ग तक की सड़कें ठीक होंगी। इसके अलावा शिक्षण संस्थान, स्वास्थ्य केन्द्र, खेलकूद के लिये मैदान एवं ग्रामीण पार्क का निर्माण होगा।
श्री यादव ने बताया कि उपरोक्त गांवों को स्वरोजगार से भी जोड़ा जायेगा जिसमें मनरेगा की भूमिका रहेगी। कृषि व पशुपालन के व्यवसाय को प्रोत्साहित करने की योजनाएं संचालित की जायेंगी, ताकि सामाजिक और आर्थिक रूप से लोग मजबूत हो सके। योजना के प्रत्येक गांव पर 20 लाख खर्च करने की योजना है। जमीन पर योजना उतारने की तैयारी सबसे पहले गांव का निर्धारित प्रपत्रों में सर्वे कराया जायेगा।
इसके बाद विकास योजना (वीडीपी) भी तैयार कर ग्रामसभा से अनुमोदन कराया जायेगा। इसे पंचायत समिति स्तर से जिला स्तर पर भेजने का कार्य होगा। जिलास्तरीय समिति द्वारा कन्वर्जन करते हुये चिन्हित कार्यों की स्वीकृति जारी की जायेगी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित केराकत क्षेत्र के कुसम्ही, कनौरा, अमिलिया, खेवसीपुर, अकबरपुर व जफराबाद क्षेत्र के लालपुर, पिलखिनी व सदर क्षेत्र का कोहड़ा व शाहगंज क्षेत्र का मनवल और मछलीशहर क्षेत्र का सहिजदपुर को शामिल किया गया है। इन गांवों को विकसित करने के लिये सबसे पहले गांव में शुद्ध पेयजल की दिशा में काम किया जायेगा। बिजली व्यवस्था को सुधारने के साथ गांव की गलियों से लगते मुख्य मार्ग तक की सड़कें ठीक होंगी। इसके अलावा शिक्षण संस्थान, स्वास्थ्य केन्द्र, खेलकूद के लिये मैदान एवं ग्रामीण पार्क का निर्माण होगा।
श्री यादव ने बताया कि उपरोक्त गांवों को स्वरोजगार से भी जोड़ा जायेगा जिसमें मनरेगा की भूमिका रहेगी। कृषि व पशुपालन के व्यवसाय को प्रोत्साहित करने की योजनाएं संचालित की जायेंगी, ताकि सामाजिक और आर्थिक रूप से लोग मजबूत हो सके। योजना के प्रत्येक गांव पर 20 लाख खर्च करने की योजना है। जमीन पर योजना उतारने की तैयारी सबसे पहले गांव का निर्धारित प्रपत्रों में सर्वे कराया जायेगा।
इसके बाद विकास योजना (वीडीपी) भी तैयार कर ग्रामसभा से अनुमोदन कराया जायेगा। इसे पंचायत समिति स्तर से जिला स्तर पर भेजने का कार्य होगा। जिलास्तरीय समिति द्वारा कन्वर्जन करते हुये चिन्हित कार्यों की स्वीकृति जारी की जायेगी।