• अब तक नहीँ हो सकी चालू, मंडी परिसर में पानी की किल्लत

जौनपुर। शीतला चौकियां धाम मार्ग स्थित नई सब्जी मंडी परिसर में नब्बे के दशक में बनी पानी की टंकी वीरान मैदान में खड़ा धूल फांक रहा है। टंकी के निर्माण में लाखों रुपए खर्च हुए लेकिन 20 वर्षों का समय गुजर जाने के बाद भी यह अभी तक उपयोग में नहीं लाई जा सका है। इस दौरान तमाम सरकारें आई औऱ गई लेकिन किसी ने भी उपेक्षित पड़ी इस पानी की टंकी की तरफ़ ध्यान नहीँ दिया।

झाड़ झंखाड़ से घिरी यह टंकी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। काफ़ी बड़े क्षेत्रफल में फैले नई सब्जी मंडी में पानी की टंकी बनवाने का उद्देश्य यही था कि मंडी परिसर में पेय जलापूर्ति की व्यवस्था हो सके। टंकी का निर्माण तो पूरा करवा दिया गया लेकिन प्रशासनिक लापरवाही औऱ उदासीनता की वजह से यह अब तक चालू नहीँ हो सका। परिणामत: मंडी परिसर में जलापूर्ति लगभग बीस वर्षों से शुरू नहीँ हो सकी। व्यापारी आज भी पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं। जबकि नई सब्जी मंडी पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी में शुमार होती है।
खुटहन, जलालपुर, पिण्डरा, बरदह, आजमगढ़, गोरखपुर आदि मंडियों के व्यापारी यहाँ से माल ले जाते हैं। रोजाना हजारों व्यापारी मंडी परिसर में इकठ्ठा होते हैं। व्यापारियों द्वारा पानी खरीदकर पीना मजबूरी बनी हुई है। 15 मार्च 2018 को अपर निदेशक लखनऊ जितेंद्र प्रताप सिंह ने मंडी का निरीक्षण किया था। पानी की टंकी को देख तुरंत मामला संज्ञान में लेते हुए कहा था कि पानी की टंकी को जल्द चालू करने के प्रयास किए जायेंगे। मंडी परिसर में शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराया जायेगा लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हो सकी है। मंडी के व्यापारियों ने पड़ रही गर्मी को देखते हुए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है।




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