जौनपुर। युवा किसी भी राष्ट्र की सामाजिक व सांस्कृतिक विरासत को पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तान्तरित करने का सबसे सशक्त माध्यम होता है, इसलिये आज के युवाओं को अपनी प्राचीनतम विरासत योग व वैदिक संस्कृति को अपनी जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाकर देश एवं दुनिया में फैल जाना चाहिये जिससे विश्व के कोने-कोने में अपनी प्राचीनतम विरासत पहुंच सके। उक्त बातें योग गुरू बाबा रामदेव के प्रतिनिधि के रूप में जनपद में प्रवास के दौरान युवाओं के लिये आयोजित योगाभ्यास की कार्यशालाओं में आचार्य संजीव ने कही।
जौनपुर के शाहगंज में आयोजित शिविर में योगाभ्यास करते लोग।
उन्होंने आगे कहा कि युवाओं के सम्पूर्ण विकास के लिये सूर्य नमस्कार का अभ्यास काफी लाभदायक है। प्रत्येक युवा को कम से 100 बार सूर्य नमस्कार करके भविष्य में होने वाले रोगों से पूर्णतः बच सकता है।
इस अवसर पर पतंजलि योग समिति के प्रभारी आचार्य कृष्ण मुरारी आर्य, शशिभूषण, शम्भूनाथ, वीरेन्द्र यादव, मनोज पाण्डेय, डा. राघवेन्द्र प्रताप सिंह, संजय श्रीवास्तव, शिवकुमार यादव, ज्ञान प्रकाश, स्वदेश यादव, हौसला प्रसाद, डा. चन्द्रसेन, डा. आरएस विश्वकर्मा, अर्जुन सिंह, विजय दत्त मौर्य सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।





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