मड़ियाहूं, जौनपुर। प्रधानमंत्री शौचालय योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने लगी है। एक तरफ प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान को गति देने के लिए घर-घर शौचालय बनवाए जाने की योजना चलाई। वहीं गांवों में ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव की मिली भगत से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने लगा। पिछले 2 वर्ष से शौचालय बनाए जाने की मुहिम छेड़ी गई है फिर भी अधिकांश गांव में आधे से अधिक परिवारों में शौचालय नहीं बन पाए हैं।

कहीं-कहीं तो जो परिवार पहले से अपना निजी शौचालय बना लिये थे उसी को रंग पेंट करके सन 2018 लिखवा कर 8 हजार रुपया लाभार्थी को देकर बाकी 4 हजार रुपये ग्राम प्रधान व सचिव बंदरबांट कर ले रहे हैं। यही नहीं गांव में शौचालय बनवाने के लिए पहले सूची में नाम डालने की बात कही जाती है। सूची में नाम डालने का काम भी यही ग्राम प्रधान और सचिव करते हैं। जो अपने चहेतों का नाम डालकर सूची तैयार कर लेते हैं। बाकी गांव के परिवार ग्राम प्रधान के घर का चक्कर लगाता रह जाता है।
यही कारण है कि अधिकांश परिवारों को शौचालय आज तक नहीं बन सका। जो परिवार अभी तक शौचालय नहीं बना पाए हैं, उसमें से कई लोग खंड विकास अधिकारी के यहां भी इसकी शिकायत कर चुके फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। क्षेत्रीय नागरिकों ने जिला अधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए जांच कराए जाने की मांग की है। तथा जो लोग अभी तक शौचालय नहीं बना पाए हैं उन्हें शौचालय दिलाने की व्यवस्था कराई जाए।




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