क्या इस मानसून में जलभराव और गंदगी की समस्या से निदान पाएगा रायपुर: प्रकाशपुंज पांडेय | #AAPKIUMMID
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रायपुर, छत्तीसगढ़। सामाजिक कार्यकर्ता व राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने रायपुर नगर निगम के अधिकारियों से मीडिया के माध्यम से प्रश्न किया है कि क्या आने वाले मानसून से पहले रायपुर नगर निगम के द्वारा जलभराव से निपटने की तैयारियां की जा चुकी हैं? आमतौर पर कचरे के ढेरों के कारण जाम हुई खुली नालियां रायपुर में मानसून के पहली बारिश में ही जाम हो जाती हैं जिसके कारण सड़कों पर जगह-जगह जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे कई बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती हैं और एक्सीडेंट के भी खतरे बढ़ जाते हैं।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने पूछा कि प्रायः रायपुर के सभी 70 वार्डों में गंदगी की समस्या अपनी चरम सीमा पर है। पहले नगर निगम के पास यह बहाना रहता था कि चूंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है इसीलिए व उन्हें काम नहीं करने देती, लेकिन अब तो महापौर भी कांग्रेस के और राज्य सरकार भी कांग्रेस की है, तो क्या महापौर प्रमोद दुबे इस बार रायपुर की जनता को आश्वस्त करते हैं कि मानसून में कहीं भी जलभराव की समस्या से लोगों को जूझना नहीं पड़ेगा?
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि नगर निगम एनजीटी के आदेशों का भी पालन नहीं करती है और प्रदेश की राजधानी रायपुर में जैसी उपयुक्त सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए वैसी बिल्कुल भी नहीं है। साथ ही शहर की कई सड़कों की हालत भी बहुत ही जर्जर है प्रदेश की राजधानी के कई वीआईपी एरिया भी इस परेशानी से अछूते नहीं हैं। क्या आने वाले मानसून से पहले नगर निगम इस समस्या से लड़ने के लिए तैयार है?
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने पूछा कि प्रायः रायपुर के सभी 70 वार्डों में गंदगी की समस्या अपनी चरम सीमा पर है। पहले नगर निगम के पास यह बहाना रहता था कि चूंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है इसीलिए व उन्हें काम नहीं करने देती, लेकिन अब तो महापौर भी कांग्रेस के और राज्य सरकार भी कांग्रेस की है, तो क्या महापौर प्रमोद दुबे इस बार रायपुर की जनता को आश्वस्त करते हैं कि मानसून में कहीं भी जलभराव की समस्या से लोगों को जूझना नहीं पड़ेगा?
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि नगर निगम एनजीटी के आदेशों का भी पालन नहीं करती है और प्रदेश की राजधानी रायपुर में जैसी उपयुक्त सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए वैसी बिल्कुल भी नहीं है। साथ ही शहर की कई सड़कों की हालत भी बहुत ही जर्जर है प्रदेश की राजधानी के कई वीआईपी एरिया भी इस परेशानी से अछूते नहीं हैं। क्या आने वाले मानसून से पहले नगर निगम इस समस्या से लड़ने के लिए तैयार है?