मीरगंज, जौनपुर। मुम्बई से आजमगढ़ जा रही महिला यात्री का आभुषण से भरा बैंग ट्रेन मे छूट गया था। जिसे सुरक्षित लौटाकर एसी कोच के अटेंडेंट राजेश कुमार ने इमानदारी की मिशाल पेस की है। बैग में डेढ़ लाख से अधिक कीमत के गहने थे।
गुुरुवार को आजमगढ एक्सप्रेस मे मुम्बई से आयशा पत्नी अफरोज निवासी बाग लखरांव पोस्ट चकइनामी थाना पल्हनी जिला आजमगढ अपने भाई सादिक के साथ घर आ रही थी। वह शुक्रवार को आजमगढ़ स्टेशन पर गाड़ी से उतरकर घर पहुंची तो पता चला कि उनका गहनों से भरा बैग ट्रेन में छूट गया।

आनन फानन में वह भाग कर फिर स्टेशन पहुची तो पता चला कि गाड़ी यहां से फिर मुंबई के लिए रवाना हो चुकी है। यह सुनते ही महिला के होश उड़ गए। उन्हंने इसकी शिकायत आरपीएफ कन्ट्रोल रुम से की। कन्ट्रोल के मैसेज पर आरपीएफ जंघई ने 11054 आजमगढ से मुम्बई जा रही आजमगढ एक्सप्रेस की बी-3 बोगी मे सीट नम्बर 61, 62, 63 पर चेक किया तो वहां कोई बैग नहीं मिला। अटेंडेंट ने सीट पर खोजबीन कर रहे आरपीएफ के जवानों को देख उनसे पूछा कि वे क्या खोज रहे हैं। इसपर आरपीएफ के जवानों ने उसे महिला के बैग के बारे में बताया। अटेंडेंट राजेश कुमार ने बताया कि एक बैग इसी सीट पर पड़ा था जिसे उसने सुरक्षित रख दिया है। वह बैग आयशा का ही था।
अटेंडेंट ने टीटीई पीके तिवारी के समक्ष बैग को आरपीएफ जंघई के एसआई महावीर, कांस्टेबल श्रीनिवासन पाठक, कास्टेबल जितेन्द्र कुमार को सौंप दिया। आरपीएफ ने बैग मिलने की सूचना आयशा को दी तो वह शनिवार को स्कार्पियो से परिजनों के साथ जंघई स्टेशन पहुंची। जहां आरपीएफ ने महिला को गहनों से भरा बैग सौंपा तो वह खुंशी से झूम उठी। उन्हंोने इसके लिए आरपीएफ और कोच के अटेंडेंट को धन्यवाद दिया।




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