जौनपुर। दुर्घटना के एक मुकदमे में क्षतिपूर्ति अदा न करने पर डीएम का खाता बंद करने के अल्टीमेटम पर जिलाधिकारी ने तहसीलदार को तत्काल वसूली की कार्यवाही कर कोर्ट को 1 जून 2019 को अवगत का आदेश दिया जिससे खाता बंद न होने पाए। एसडीएम ने कोर्ट में स्पष्टीकरण दिया कि पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद में कई बार एसपी कार्यालय के माध्यम से इस संबंध में पत्राचार किया गया लेकिन वहां से वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पा रही है इसीलिए धनराशि का भुगतान नहीं किया जा सका। स्वीकृति मिलते ही कार्यवाही की जाएगी। हाईकोर्ट द्वारा 6 माह में प्रकरण का निस्तारण करने के आदेश की अवधि बीतने एवं कोर्ट द्वारा डीएम का खाता बंद करने के अल्टीमेटम के बावजूद पुलिस हेड क्वार्टर प्रयागराज से वित्तीय स्वीकृति न मिल पाना तमाम सवाल खड़े करता है।

वाराणसी में पीएसी में तैनात सिपाही आत्मा प्रकाश पांडेय 18 मई 1991 को निर्वाचन ड्यूटी में पुलिस लाइन जौनपुर से पुलिस की गाड़ी में बैठकर मड़ियाहूं जा रहा था। चकटाला गांव के पास करीब 11 बजे प्राइवेट बस ने गाड़ी में टक्कर मार दिया जिससे आत्मा की मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी मंजू ने एसपी, उत्तर प्रदेश राज्य जरिये जिलाधिकारी समेत तीन के खिलाफ क्षतिपूर्ति का मुकदमा कोर्ट में दाखिल किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 21 जुलाई 1999 को आदेश दिया कि राज्य सरकार 3.29 लाख रुपए याचिका दाखिल करने की तिथि से याची व उसके बच्चों को अदा करे।
फैसले के खिलाफ राज्य सरकार हाई कोर्ट में अपील की जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त करते हुए  धनराशि अदा करने का आदेश दिया।इसके बावजूद बकाया धनराशि अदा नहीं की गई। याची पुनः हाईकोर्ट गई। हाईकोर्ट ने 18 अगस्त 2018 को राज्य सरकार को आदेश दिया कि 6 माह के भीतर बकाया क्षतिपूर्ति अदा की जाए।आदेश का पालन न होने पर अपर जिला जज द्वितीय ने अवमानना नोटिस जारी किया लेकिन धनराशि अदा नहीं की गई जिस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी का खाता बंद करने का अल्टीमेटम दिया।



DOWNLOAD APP