जौनपुर। केराकत तहसील क्षेत्र के पसेवा-मई घाट पर गोमती नदी पर निर्माणाधीन पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं कराए जाने से आक्रोशित ग्रमीणों ने रविवार को पसेवा घाट पर प्रदर्शन कर विरोध जताया।
ग्रामीण का आरोप है कि पुल 2011 में स्वीकृत हुआ था। शासन की लापरवाही के कारण पुल का निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हो पाया। पुल का आधा अधूरा पीलर बना कर कार्य रोक दिया गया। पुल का निर्माण नहीं कराए जाने से क्षेत्रीय लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2011 में पुल का निर्मण स्वीकृत हुआ था।

पुल का शिलान्यास बसपा शासन में तत्कालीन लोकनिर्माण मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा किया गया था। उस समय शासन ने 3 करोड़ की धनराशि भी कार्यदायी संस्था को उपलब्ध करा दिया था। किन्तु निर्माण कार्य एक वर्ष तक होने के बाद वर्ष 2012 में प्रदेश में शासन परिवर्तन होते ही बंद हो गया। कुछ दिन बाद कुछ धनराशि शासन से उपलब्ध कराया तो निर्माण कार्य फिर शुरू हुआ। किन्तु कुछ ही दिन बाद निर्माण कार्य फिर धनाभाव के चलते बंद हो गया। पिछले कुछ वर्षों से निर्माण कार्य पूरी तरह ठप है। शासन, प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से बार-बार मांग करने के बाद भी आज तक न तो शासन- प्रशासन और न ही जन प्रतिनिधियों ने पुल के निर्माण पर ध्यान दिया।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि निर्माणाधीन पुल का निर्माण कार्य शीघ्र शुरु नहीं किया गया तो हम लोग जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करने पर बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में शारदा प्रसाद यादव, रविकांत सिंह, रामलाल नागर, शोभनाथ यादव, रोशन सिंह, नवीन प्रजापति, प्रिस सिंह, द्वारिका नागर, अंकित यादव, सुबाष नागर, सूरज पाठक, नारद निषाद, उमाशंकर निषाद, राजा सिंह, जितेंद्र यादव आदि शामिल रहे।




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