मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय विकास क्षेत्र के गांवों में ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी मिलकर अपने मनमाने कार्य करने में मशगूल हैं। पंचायती चुनाव के लगभग तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुका है। परंतु गांव में कभी भी खुली बैठक नहीं कराई गई। केवल प्रधान के घर के बंद कोठरी में प्रस्ताव बनाकर ग्राम पंचायत सदस्यों को फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कागजी कोरम पूरा करके अपने ढंग से विकास कार्य करने में लगे रहते हैं। जिससे गांव के विकास के बजाय प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी अपना ही विकास करने में मशगूल रहते हैं।

अभी हाल ही में सभी गांवों में कूड़ादान रखने की योजना ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी ने शुरू किया जिससे प्रत्येक गांव में चार से छः प्लास्टिक के कूड़ेदान खरीद कर दरवाजे पर रख दिया। लगभग दो दर्जन गांव में तो स्ट्रीट लाइट भी लगवा दिया गया। यह दोनों कार्य करने के लिए शासन स्तर से कोई निर्देश नहीं रहा, केवल खुली बैठक करके इसे उचित स्थान पर रखने की योजना बनाई गई। जिसका वास्तविक मूल्य से चार गुना अधिक मूल्य दिखाकर पैसा भी खारिज कर लिया गया।
इस बाबत सहायक विकास अधिकारी पंचायत राधेश्याम से पूछे जाने पर बताया कि कूड़ेदान रखने और स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए विभाग से कोई निर्देश नहीं दिया गया है। ये ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी ने खुली बैठक करके उसमें प्रस्ताव पास कराकर यह लोग अपने ढंग से पैसा भी खारिज कर लिए जबकि विभाग को कोई जानकारी नहीं है। क्षेत्रीय नागरिकों ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए अनुरोध किया है कि ग्राम पंचायत के मनमाने ढंग से सरकारी धन का दुरुपयोग की जांच कराई जाए तथा ग्राम पंचायत में खुली बैठक न होने की भी जांच कराकर कार्रवाई की जाए।




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