• उन्होंने कहा, भगवान के 24 अवतारों में श्रीकृष्ण का अवतार सर्वश्रेष्ठ
सिकरारा, जौनपुर। क्षेत्र के शेरवां ग्राम में श्री भुलन सिंह के यहाँ चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास श्री सुदर्शनाचार्य जी ने कहा कि भगवान के 24 अवतारों में सर्वश्रेष्ठ अवतार भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हैं और जीतने अवतार हैं वह कला अवतार हैं। भगवान कृष्ण ही छः ऐश्वर्य से विभूषित हैं। परब्रह्म परमात्मा हैं। 
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण और भगवान श्रीकृष्ण में कोई अन्तर नहीं है। जितने पुराण हैं वह भगवान के उपदेश हैं लेकिन श्रीमद्भागवत महापुराण स्वयं श्री कृष्ण भगवान हैं। इसीलिए व्यास जी ने नारद मुनि से कहा कि मैंने एक वेद को 4 रूपों मे विस्तार किया। 17 पुराणों की रचना की। एक लाख श्लोकों से विभूषित महाभारत जैसा पवित्र ग्रंथ लिखा जिसमें दो रत्न प्रकट हुए। एक भक्त के मुख से और एक भगवान के मुखारबिंद से। पितामह भीष्म के मुख से विष्णु सहस्त्र नाम जैसा रत्न और भगवान ने मुखारबिंद से समस्त शास्त्रों का सार गीता रत्न और ब्रह्मसूत्र की रचना किये। व्यास जी ने नारद जी के उपदेश देने पर भागवत महापुराण का विस्तार किया। जिसमें विशुद्ध भक्त और भगवान के चरित्र का प्रतिपादन किया है।
प्रारम्भ में पुरोहित पण्डित राम शकल उपाध्याय ने मुख्य यजमान भूलन सिंह के हाथों भागवत महराज का पूजन अर्चन कराया। आरती के बाद देर शाम तक श्रद्धालु भक्त कथा श्रवण का आनन्द लिये।