• 2015 में पटाखा विस्फोट की घटना में हो चुकी है तीन बच्चों की मौत

मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय कस्बा में पटाखा व्यवसाय से जुड़े लोगों द्वारा सादीगंज मोहल्ले की घनी बस्ती में पटाखा निर्माण और स्टोरेज का कार्य किया जा रहा था। अप्रैल 2015 में उक्त स्थान पर पटाखा विस्फोट की हुई घटना में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। फिर भी प्रशासन उक्त मामले में आंख मूंदकर बैठा था लोगो का कहना है कि जरा सी लापरवाही होने पर घटना की पुरावृत्ति हो सकती थी।
शादी विवाह को देखते हुए पटाखा व्यवसाईयों द्वारा तीव्र गति से पटाखा निर्माण किया जा रहा था। आबादी क्षेत्र में पटाखा बनाकर भारी मात्रा में व्यवसायी डंप कर किए थे। यहाँ के कारखाने से बने पटाखों का निर्यात आसपास के जिलों में भी होता है। इसका अंदाजा तब लगाया गया जब 2011 में तत्कालीन इंस्पेक्टर ईशा खा द्वारा इन पटाखा व्यापारियों के यहां छापेमारी की गई। भारी मात्रा में अवैध पटाखे पकड़ कर जब्त किया गया था। व्यापारियों द्वारा कई कमरों में पटाखा रखा गया था। इसके बाद काम करने का तरीका बदल गया। घर में रखने के बजाय बाहर जमीन में छिपाकर पटाखा रखा जाता था। एक कूड़े के ढेर में काफी मात्रा में पटाखा को छिपाकर रख दिया था।

19 अप्रैल 2015 को व्यापारियों द्वारा सादीगंज मोहल्ले में छिपाकर रखे गए कूड़े के ढेर में विस्फोट हो गया जिसके चलते वहां पर खेल रहे चार बच्चे साहिल गुप्ता 11 वर्ष, गुफरान 11 वर्ष, रिजवान 10 वर्ष, सलीम 9 वर्ष बुरी तरह झुलस गए थे जिसमें साहिल की मौत उसी दिन हो गई तथा गुफरान व सलीम की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। उक्त घटना के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा अवैध व्यापारियों द्वारा पटाखा निर्माण तथा डंप किए हुए स्थान को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुकदमा पंजीकृत किया गया था। कुछ दिन तक मामले को लेकर सतर्कता बरतने के बाद अब पुनः पटाखा व्यापारियों द्वारा भारी मात्रा में पटाखा घनी बस्ती में बनाकर इकट्ठा किया जा रहा था जिससे अप्रैल 2015 जैसी घटना पुनः हो सकती थी।
प्रशासन द्वारा कारोबारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही थी जिसके चलते भारी मात्रा में पटाखा आबादी क्षेत्र में डंप किया गया था। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर बुधवार को देर रात सीओ नृपेन्द्र सिंह ने अपनी टीम के साथ छापामारी करके भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद कर मछलीशहर कोतवाली पुलिस को सौंप दिया है।



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