जौनपुर। वादकारियों के मुकदमे में पुलिस को पार्टी बनाना एक अधिवक्ता को महंगा पड़ गया। आरोप है कि दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता रामउजागिर व उनके परिवार को महाराजगंज थाने ले जाकर मारा पीटा गया और चालान किया गया। नाराज अधिवक्ताओं ने विरोध जताते हुए एसओ, सीओ और अपर पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है।
दीवानी न्यायालय संघ सभागार में अध्यक्ष बृजनाथ पाठक की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें दीवानी संघ के अधिवक्ता रामउजागिर विश्वकर्मा ने अपनी पीड़ा बताया कि वह 11 मई को अपनी बहन की लड़की के घर चौथ लेने बोलेरो गाड़ी से परिवार के साथ महाराजगंज बाजार गए थे। वही एक व्यक्ति को कुछ लोग स्कॉर्पियो गाड़ी से घसीट कर मार रहे थे। काफी संख्या में भीड़ बीच बचाव कर रही थी। हम लोग भी बीच-बचाव करने लगे। मार रहे व्यक्तियों ने ख़ुद को पुलिसकर्मी बताया। वे सादी वर्दी में हैं। मुल्जिम को पकड़े हैं।

सच्चाई जानकर लोग शांत हो गये। पुलिस वाले आरोपी को लेकर थाने चले गए। थोड़ी देर बाद थानाध्यक्ष महाराजगंज की गाड़ी आई। एसओ बदलापुर, एसओ सुजानगंज, एसओ बक्शा वहां आए और उन्हें व उनके परिवार को घसीटते हुए थाने ले गए और वहां पिटाई की। पुलिस वालों ने कहा कि वकील पुलिस के खिलाफ मुकदमा लड़ता है। एक अधिकारी ने कहा कि इस मुकदमा लादकर जेल भेज दो। उल्लेखनीय हो कि महाराजगंज बाजार में मुखबिर की सूचना पर गुजरात में बैंक लूट की घटना करने के आरोपी को स्कॉर्पियो गाड़ी से उतारकर पुलिस पूछताछ कर रही थी और अधिवक्ता व उनके परिवार के लोग आरोपियों को छुड़ाने लगे।
आरोपी भाग गए और अधिवक्ता और उनके परिवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि आरोपी को पुलिस मौके से पकड़कर थाने पर ले गई। संघ ने बार काउंसिल, प्रधानमंत्री व चुनाव आयोग को पत्र भेजकर पुलिस की इस ज्यादती की शिकायत की है। बैठक का संचालन कार्यवाहक मंत्री अरविंद कुमार तिवारी ने किया।




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