जौनपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला व गबन कर लाखों रुपए हड़पने व पात्र की जगह अपात्रों को आवास आवंटित करने के आरोपी सहायक अभियंता, सेक्रेटरी, बीडीओ व प्रधान समेत नौ आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय ने थानाध्यक्ष खेतासराय को दिया है।
खेतासराय थाना क्षेत्र के यूसुफपुर निवासी अनुसूचित जाति के दयाराम ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान तिलक राज, खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, सेक्रेट्री,सहायक अभियंता एवं अन्य कर्मचारी आपस में साजिश व षड्यंत्र एवं फर्जीवाड़ा करके प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार द्वारा दिए जा रहे धन एवं सहूलियत का गलत ढंग से दुरुपयोग कर गबन रहे हैं। सभी गोल बनाकर अपात्र लोगों को फर्जी कूट रचित ढंग से गलत आख्या तैयार कर उन्हें पात्र बता कर योजना के तहत धन उपलब्ध करा रहे हैं। पहले से आवास योजना का लाभ ले चुके राधेमोहन व बसंता को भी लाभार्थी बनाया गया।

इसी प्रकार जगदीश के मकान में बाहरी प्लास्टर करवा कर उसे योजना के तहत दिखाकर पूरा धन गबन किया गया। पात्र होने के बावजूद मुझे लाभ नहीं दिया गया जिन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा हैं उनके पास पहले से मकान है। नजमा बानो पुत्र डॉक्टर फैजान को भी योजना का लाभ दिया गया। जबकि उनके पास पक्का मकान है और उसका लड़का कंप्यूटर ऑपरेटर है। अपात्रों के खाते में रुपए आने के बाद सभी आपस में बंदरबांट करते हैं। यही हाल पूरे जिले का है। किसी की दीवार खड़ी करके तो किसी की दीवार पर प्लास्टर करवाकर पहले से रिहायशी मकान वाले लोगों को पात्र बताकर उनके खाते में रुपए डाले जाते हैं।
बाद में आरोपी रुपये बांट लेते हैं। काफी बड़े पैमाने पर यह घोटाला किया जा रहा है। पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जब मैंने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए जान से मारने की धमकी दिया। पुलिस अधीक्षक व अन्य शीर्ष अधिकारियों को प्रार्थना पत्र के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्यायाधीश प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेते हुए प्रथम दृष्टया संगीन अपराध कारित होना पाते हुए आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने का आदेश थानाध्यक्ष को दिया है।




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