जौनपुर। युवा पीढ़ी में नशे की लत तेजी से बढ़ रही है। जिसके चलते कैंसर जैसी घातक बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं। विश्व तंबाकू दिवस 31 मई को मनाया जाएगा। मुख और दंत रोग विशेषज्ञ डा. तुलिका मौर्या ने कहा कि तंबाकू कैंसर, फेफड़े के रोग, हृदय रोग का मुख्य कारण बन रहा है। कैंसर के मरीजों की बढ रही संख्या को देखते हुए बहुत से देशो में तम्बाकू के प्रचार पर भी रोक लगा दिया है।

डा. गौरव प्रकाश मौर्य ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन द्व‍ारा हाल में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष करीब दस लाख लोग तंबाकू उत्पादकों के सेवन के कारण समय से पहले मौत को गले लगा लेते हैं। एनएफएचएस (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे) 2005 के आंकड़ों के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष तम्बाकू से मृत्यु होने वालों की संख्या टीबी, हेपेटाइटिस, एड्स आदि से होने वाली मत्यु की तुलना में 20 फीसदी ज्यादा है।
गेट्स ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2010 के सर्वेक्षण के अनुसार भारत में पन्द्रह वर्ष या अधिक के 34.5 फीसदी जनसंख्या तम्बाकू उत्पादकों का उपयोग करते हैं। जिनमें 14 फीसदी बीड़ी या सिगरेट एंव 25.9 फीसदी सुर्ती, खैनी, गुटखा आदि का प्रयोग करते हैं।
भारत सरकार ने तम्बाकू के प्रयोगों को सार्वजनिक स्थलों पर रोकने के लिए कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट) के सेक्शन चार के अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर धुम्रपान करना निषेध घोषित किया है। पकड़े जाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। सेक्शन 6 के अनुसार विद्यालयों के सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादकों की बिक्री निषेध है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तम्बाकू उत्पादों को खरीदना व बेचना जुर्म है।




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