जौनपुर। चंदवक थाना क्षेत्र के भूलनडीह में धर्मांतरण के प्रकरण में 8 माह बाद भी विवेचना की रिपोर्ट कोर्ट में न आने पर कोर्ट ने विवेचक से 29 मई को जवाब तलब किया है।अधिवक्ता बृजेश सिंह की दरखास्त पर कोर्ट के आदेश पर 5 सितंबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज हुई। अनियमितता के कारण पूर्व विवेचक का ट्रांसफर भी कर दिया गया।वादी व गवाहों का शपथ पत्र के माध्यम से एसपी को बयान भी दिया गया। इसके बावजूद अभी तक विवेचना की रिपोर्ट कोर्ट में न आना पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
बता दें कि अधिवक्ता की दरखास्त पर कोर्ट के आदेश पर ईसाई केंद्र संचालक दुर्गा प्रसाद यादव समेत 271 लोगों पर धोखाधड़ी, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई। वादी ने विवेचक को बयान दिया कि सभी आरोपी जनपद समेत चार जिलों में सनातन धर्म के विरुद्ध प्रचार, प्रवचन कर लोगों को धोखा एवं रुपए का लालच देकर इसाई बना रहे हैं। सनातन धर्म की उपासना पद्धति व मूर्ति पूजा का मजाक उड़ा कर अपमान करते हैं। लोगों को नशीली दवाइयां खिलाकर जानलेवा उपचार करते हैं।

गंभीर बीमारी ठीक होने की झूठी गवाही लोगों से दिलवाते हैं। प्रतिबंधित रसायन खिलाकर ईसा मसीह की जय बोलवाकर इसाई बनाते हैं। देवी-देवताओं के प्रति घृणा करने से धार्मिक उन्माद भड़क सकता है। अन्य गवाहों का बयान पुलिस ने नहीं लिया।दुर्गा प्रसाद व अन्य आरोपी हाई कोर्ट भी गए। गवाह प्रमोद समेत 8 गवाहों ने पुलिस अधीक्षक को शपथ पत्र के जरिए अपना बयान भेजा कि इसाई केंद्र संचालक दुर्गा प्रसाद यादव अपने चार-पांच अन्य साथियों के साथ ईसाई धर्म का प्रचार करने आए। सनातन धर्म और मूर्ति पूजा का अपमान कर ईसा मसीह की जय बोलने को कहा। धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया। सही ढंग से विवेचना न करने की पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए वादी ने विवेचक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग भी किया। धीमी गति से विवेचना के कारण सबूत नष्ट हो गए और अभियुक्तों को फायदा पहुंचा। 8 माह बाद भी विवेचना की रिपोर्ट कोर्ट में नहीं भेजी गई।




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