जौनपुर: सियासी शोर में नहीं हो रही आधी आबादी के मुद्दों पर बहस | #AAPKIUMMID
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- 30 वर्ष से महिला सशक्तीकरण के कार्य में लगी महिला समाख्या की वर्कर भुखमरी के कगार पर
- 17 लाख 39 हजार 130 महिलाएं है जौनपुर और मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र में वोटर
जौनपुर। लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के सियासी शोर में आधी आबादी के मुद्दों पर बहस नहीं हो रही है। महिलाओं को साधने में राजनैतिक दल पीछे नहीं है। अपनी-अपनी महिला इकाईयों के जरिए इन्हें अपने पक्ष में जाने की कोशिश तो हो रहीं है। लेकिन तीस वर्षो से महिला सशक्तीकरण का कार्य कर रहीं महिला समाख्या से जुड़ी महिलाओं की समस्याओं को चुनावी मुद्दा नहीं बनाया जा रहा है। सियासी शोर में इतना बड़ा मुद्दा दब कर रह गया है। जबकि 17 लाख 39 हजार 130 महिलाएं है जौनपुर और मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों की तकदीर लिखेंगी।
जिले में मतदाताओं की संख्या वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र को लेकर 27 लाख 11 हजार 882 है। इसमें महिलाएं 17 लाख 39 हजार 130 महिलाएं शामिल है। प्रदेश के जौनपुर सहित 19 जिलों में महिला समाख्या 16338 ग्राम पंचायतों में ढ़ाई लाख महिलाओं का नेटवर्क है। जिसको छह लाख महिलाओं का संगठित नेटवर्क के रूप में तैयार किया जा चुका है। आठ सौ से अधिक इसमें कार्यरत महिला कर्मचारियों सहित अन्य को नवंबर 2018 से मानदेय नहीं मिल सका है। जिसमें जौनपुर के तकरीबन 400 लोग शामिल है। सूत्रों की मानें तो वर्ष 2017-18 में दस करोड़ का बजट आवंटन हुआ था। लेकिन वर्ष 2019 में सिर्फ दो करोड़ का बजट आवंटन किया गया है। 11 जिलों में इसका विस्तार भी किया जा रहा है। लोकसभा के इस चुनाव में आधी आबादी के मुद्दों पर बहस नहीं हो रही है।