जौनपुर। भारत सरकार के जलवायु एवं वन मंत्रालय नई दिल्ली एवं इण्टरनेशनल एकेडमी आफ साइंस एण्ड रिसर्च कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर हमारी जैव विविधता, हमारा भोजन एवं हमारे स्वास्थ्य पर वैश्विक सम्मेलन में जौनपुर के शिक्षक सम्मानित किये गये। भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण प्रयागराज में आयोजित उक्त सेमिनार में देश-विदेश से तमाम वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, समाजशास्त्री, विधि विशेषज्ञ एवं शिक्षाविद् शामिल हुये।
 सेमिनार में कई विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। शोध पत्रों की गुणवत्ता के आधार पर नगर के टीडीपीजी कालेज के प्राध्यापक डा. देवव्रत मिश्र को लाल बहादुर शास्त्री ग्लोकल अवार्ड बायोडायवर्सिटी पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी, निदेशक भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण डा. जीपी सिन्हा एवं प्रो. आरकेपी सिंह कुलपति शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा दिया गया।
 डा. मिश्र का राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्रों में बायोडायवर्सिटी व कंजर्वेशन आफ नेचर नेचुरल रिसोर्सेज पर शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित हुये हैं। बता दें कि इसके पहले भी डा. मिश्र को जलवायु एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पर्यावरण और जागरूकता के क्षेत्र में पुरस्कार मिल चुका है। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में डा. देवव्रत मिश्र ने जलवायु में परिवर्तन पर वैश्विक चेतावनी विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया था।
इसी क्रम में नगर के राजा श्री कृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राध्यापक डा. मनोज वत्स को सरदार पटेल ग्लोबल अवार्ड सोशल अवेयरनेस पुरस्कार दिया गया। डा. वत्स को यह सम्मान उपरोक्त मंचासीन अतिथियों द्वारा दिया गया। बता दें कि डा. वत्स के राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्रों में बायोडायवर्सिटी और कंजर्वेशन आफ नेचर नेचुरल रिसोर्सेज नदियों के सामाजिक प्रभाव आदि कई शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
 इसके पहले भी इनको जलवायु एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पर्यावरण और जागरूकता के क्षेत्र में पुरस्कार मिल चुका है। इस सेमिनार में डा. मनोज वत्स ने आधुनिक सामाजिक निष्क्रियता से गोमती नदी में बढ़ते प्रदूषण पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया जिसको सेमिनार में विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा सराहा गया।