जौनपुर। इब्ने मुलजिम ने हैदर को मारा। रोजेदारों, कयामत के दिन है। इसी मातमी सदाओं के बीच शिया समुदाय के पहले इमाम व मुसलमानों के चौथे खलीफा हजरत अली की शहादत पर नगर के अजमेरी स्थित मस्जिद शाह अता हुसैन में मजलिस हुई।
इसके बाद अलम का जुलूस निकला जहां मजलिस को खिताब करते हुये शिया धर्मगुरू मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने कहा कि इमाम अली का जन्म जहां पवित्र काबे में हुआ, वहीं शहादत मस्जिद में नमाज के दौरान हुई। उनका पूरा जीवन सादगी से भरा रहा। मजलिस के बाद अलम व ताबूत का जुलूस अंजुमन जुल्फेकारिया के जेेरे इंतजाम उठाया गया जिसके बाद सभी मातमी अंजुमनों ने नौहा मातम किया।
जुलूस नगर भ्रमण करते हुये शाह का पंजा पहुंचकर सम्पन्न हुआ। शाह के पंजे पर मगरिब की नमाज मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने अदा करायी जिसके बाद लोगों ने इफ्तार किया। इस अवसर पर मोहम्मद हसन नसीम, अनवारूल हसन, मोहम्मद मुस्तफा, शमशीर हसन, शाहिद हुसैन, मोहम्मद अब्बास काजमी, शाहिद, मोहम्मद अब्बास आरिफ, जावेद, आरिफ हुसैनी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।