• शेरवां में बही श्रीमद्भागवत कथा रस की धारा
सिकरारा, जौनपुर। भगवान सदैव अपने भक्तों का उद्धार करने को तत्पर रहते हैं। वे उनकी वेदनाओं से द्रवित होकर ही पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। यह बातें शेरवां में चल रहे भूलन सिंह के यहाँ श्रीमद्भागवत कथा में व्यास सुदर्शनाचार्य जी ने रविवार को कथा प्रेमियों को बतायी।
उन्होंने कहा कि जब भी पृथ्वी पर धर्म का क्षरण तथा अधर्म की उन्नति होती है। भगवान गाय, द्विज, भक्तों की रक्षा करने को किसी न किसी अवतार के रूप में आते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान भक्त प्रह्लाद को हिरण्याकश्यप से बचाने को नरसिंह अवतार लिया तो पृथ्वी की रक्षा के लिए वराह रूप धारण कर धर्म की स्थापना किया। इसी तरह कंस और रावण का विनाश करने के लिए कृष्णावतार व रामावतार लिया।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित है कि अधर्मियों का विनाश ईश्वर जरूर करते हैं। इसमें थोड़ा विलम्ब भले ही हो लेकिन परिणाम भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए ही होता है।
प्रारम्भ में पुरोहित पण्डित राम सकल उपाध्याय ने मुख्य यजमान भूलन सिंह के हाथों विधि विधान से भागवत भगवान व व्यास गद्दी का पूजन अर्चन कराया। इस अवसर पर देवी प्रसाद तिवारी, श्रीनाथ सिंह, धर्मराज सिंह, रामजीत मौर्य, मंगला सिंह, राम आसरे यादव, ढूरन सिंह, राम लखन सिंह आदि उपस्थित रहे।