जौनपुर। शाही किले पर स्थित मद्दू के इमामबाड़े में अंजुमन हुसैनिया के नेतृत्व में मजलिस हुई जिसको मौलाना कैसर अब्बास  शिवली ने खेताब किया। मजलिस के बाद अंजुमन हुसैनिया के नेतृत्व में तुर्बत का जुलूस निकला जो शाही किला होते हुआ चहारसू चौराहा पहुंचा जहां मास्टर मोहम्मद हसन नसीम ने तकरीर किया। यहां अलम व तुर्बत के जुलूस का मिलन हुआ जिसको देखकर लोगों की आंखों से आंसू छलक उठे। 
जुलूस शाह के पंजे इमामबाड़ा पहुंचा जहां रोजा इफ्तार के बाद तुर्बत को सुपुर्द-ए-खाक कर हजरत अली को नजराने अकीदत पेश किया गया। वहीं अजमेरी की मस्जिद शाह अता हुसैन व बलुआ घाट में मजलिस हुईं जिसके बाद शबीहे ताबूत व अलम बरामद हुआ। शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना महफुजुल हसन खां ने नमाज अदा करायी जिसके बाद मातम के साथ जुलूस का एख्तेताम हुआ।
 उधर नवाब युसूफ रोड पर तकरीर हुई जिसे मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने सम्बोधित किया। इसके बाद जुलूस अंजुमन कौसरिया रिजवी खां के हमराह आगे बढ़ा तो कोतवाली चौराहे पर अंजुमन जाफरी ने नौहा मातम किया। दूसरी तकरीर चहारसू चौराहे पर मोहम्मद हसन नसीम ने किया तो बलुआघाट के इमामबाड़ा मद्दू में मजलिस को मौलाना कैसर अब्बास आजमगढ़ ने पढ़ा। संचालन मेंहदी रजा एडवोकेट ने किया। 
वहीं पान दरीबा मोहल्ला स्थित शाही चार अंगुल की मस्जिद से मोहम्मद साहब के उतराधिकार हजरत अली की शहादत पर आलम व ताबूत का जुलूस बरामद हुआ। इसके पहले मगरिब की नमाज मौलाना वसी हैदर ने बजमात अदा करायी। उसके बाद जुलूस की मजलिस का शुरूआत सोजखनी से मोहहमद जाफर व उनके साथियों ने किया तो पेशखानी हसनैन एवं जमीर जौनपुरी ने की। मजलिस को खेताब करते हुये मौलाना वासी हैदर ने कहा कि मौला अली की विलादत काबे में हुई तो शहादत मस्जिद में। इस अवसर पर तमाम लोगों की उपस्थिति रही।