जौनपुर। नगर के टीडी कालेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी "शिक्षा में लैंगिक समानता" के दूसरे दिन बलरामपुर हाल में आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति प्रो. टीएन​ सिंह ने कहा कि समाज की लैंगिक समता एवं समानता के प्रति संवेदनशीलता परम आवश्यक है। मुख्य वक्ता पूर्वांचल विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. झांसी मिश्रा ने कहा कि जैविक रूप से तो असमानता है। किन्तु सामाजिक, राष्ट्रीय, व्यवसाय व अन्य क्षेत्रों में इस समस्या का समाधान करना अनिवार्य है।
शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. समर बहादुर सिंह ने अतिथियों का अभिनंदन किया। लैंगिक समानता के प्रति प्रथम दिवस में प्राप्त निष्कर्षों की चर्चा हुई। विशिष्ट अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी कर प्रो. आरपी सिंह ने कहा कि पुरूष एवं स्त्री एकदूसरे के पूरक हैं। दोनों के सहयोग से ही समानता आएगी। डॉ. डीआर सिंह ने इस प्रकार के सेमिनार के निरन्तर आयोजन पर बल दिया।

शिक्षक शिक्षा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अजय कुमार दुबे ने बताया कि यद्यपि जौनपुर में लिंगानुपात संतुलित है। अपितु पूरे देश में इस प्रकार की अनुपात संतुलन की परम आवश्यकता है। नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद के पूर्व कुलपति प्रोफेसर कीर्ति सिंह ने संगोष्ठी के समापन समारोह की अध्यक्षता तथा प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार सिंह ने आभार व्यक्त किया।

डॉ. सुधांशू सिंह ने सेमिनार रिपोर्ट प्रस्तुत किया। संगोष्ठी में दो दिनों में चार तकनीकी सत्रों का संचालन किया गया जिसमें 150 से अधिक शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर डॉ. सत्य प्रकाश सिंह, डॉ. अवनीश सिंह, डॉ. विनय कुमार सिंह, डॉ. जेपी सिंह, दुर्गेश जायसवाल, डॉ. श्रद्धा सिंह, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, डॉ. वंदना शुक्ला, डॉ. गीता सिंह, कुँवर शेखर गुप्ता, डॉ. सुलेखा सिंह, डॉ. सुनीता गुप्ता, सीमांत राय, डॉ. योगेश पाठक, डॉ. सुभाष विश्रोई, डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. आलोक दास आदि उपस्थित रहे।





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