मौसम चुनाव का हो..........चुनावी रैलियाँ हो रही हों.........पार्टियों के स्टार प्रचारक भाषणबाजी में मशगूल हों..........ऊपर से पारा 40 डिग्री के पार हो............तब अच्छे-अच्छे लोगों में अकस्मात् निर्जलीकरण होने लगता है............कभी-कभार शरीर के अंग डिस्लोकेट भी हो जाया करते हैं। शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है जो किसी भी मौसम में फिसला करता है.........जी हाँ समझदारों के लिए इशारा ही काफी है। हम बात कर रहे हैं जुबान की..........। जिसे जीभ व टंग भी कहते हैं। जीभ के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शरीर के मुख गुहा (माउथ कैविटी) में रहती है। इसके इर्द-गिर्द लार व अन्य ग्रन्थियाँ होती हैं, जिनसे भोजन पाचन में सहायक रसों का स्राव होता है।
जीभ........इसको लेकर कई बातें व मुहावरे प्रचलित हैं, जैसे...........जब यह बढ़ जाती है तब लोग ज्यादा बोलते हैं और बाचाल कहे जाते हैं। इसके इर्द-गिर्द की ग्रन्थियों से निकलने वाला स्राव जब अधिक मात्रा में मुँह के बाहर गिरने लगता है तब कहा जाता है कि प्राणी लालची हो गया है...........। ऐसा लालची जो लज़ीज पकवान/भोजन एवं अन्य इच्छित वस्तुओं को देखने के उपरान्त उसे प्राप्त करने के लिए लालायित हो जाए। बात चल निकली थी इलेक्शन और रैलियों तथा नेताओं व पार्टियों के स्टार प्रचारकों की।

आज कल भाजपा और काँग्रेस ने फिल्मी सितारों को टिकट देकर महासमर 2019 में अपना प्रत्याशी बनाकर इसे और भी रोचक बना दिया है। शुरूआती दिनों से हेमा मालिनी, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, रविकिशन के अलावा शॉटगन, जयाप्रदा आदि नामचीन हस्तियों को लेकर मीडिया विशेष रूप से सोशल मीडिया के पृष्ठ भरे पड़े हैं.............।
स्त्री और पुरूष यानि नर और नारी का रिश्ता बड़ा गजब होता है। इस समय भारत के सूबे उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी कैंडीडेट जया प्रदा और सपा के वरिष्ठ लीडर आजम खान साहब में होने वाली जुबानी जंग चर्चा का विषय बनी हुई है। बीते दिनों एक रैली में आजम खान साहब ने अपने प्रतिद्वन्दी जया प्रदा को बगैर नाम लिए कुछ ऐसा कह दिया जिससे दोनों पार्टियों के नेताओं व समर्थकों के बीच हंगामेदार स्थिति उत्पन्न हो गई। सुना गया है कि खान साहब पर इस मामले में केस भी दर्ज कराया गया है। केस, मुकदमा, एफ.आई.आर. वह भी इलेक्शन के समय...............बेकार निष्फल..........। अपितु उल्टा यह परिणाम होता है कि मीडिया की सुर्खियों में छाये इन दिग्गजों के बारे में हर कोई जानकारी अपडेट पाता है, इससे हर आम खास में इनकी लोकप्रियता और बढ़ जाती है.............।
आजम साहब ने रैली सम्बोधित करते हुए ऐसा क्या कहा- जिस पर जया प्रदा तिलमिला गईं..........भाजपाई खफा हो गए..........। सुना है कि आजम साहब ने रामपुर में चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि- ‘‘जिसको हम उंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिनसे अपना प्रतिनिधित्व कराया......उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का अण्डरवियर खाकी रंग का है।’’
मान गए खान साहब..............आपकी नजर 70 साल में भी बड़ी तीक्ष्ण और पारखी है...............। महिलाओं के अन्तः वस्त्रों का रंग सहज रूप से जान लेने में आपका कोई सानी नहीं है...........। जिसके बारे में यह जानकारी आपने रैली भीड़ को दिया वह आपको अपना बड़ा भाई मानती हैं..........ऐसा उन्होंने कई बार आपकी वाणी से आहत होकर अपना मलाल व्यक्त करते हुए कहा है। 57 वर्षीया जया प्रदा बॉलीवुड में ग्लैमरस स्टार के रूप में रह चुकी हैं........। आज भी उनका ग्लैमर कम नहीं हुआ है.....अपितु वह अब राजनैतिक क्षेत्र में भी अपना जलवा बिखेर रही हैं............और आप हैं रामपुर स्टेट घराने के दिग्गज, प्रभावशाली, नामवर, नामदार व विस्फोटक लीडर...........।
जनाब खान साहब हमें तो आपके वक्तब्य में कुछ अधूरापन लग रहा था.........हम सोच रहे थे कि आप अधोवस्त्रों के रंग के बारे में जब खुलासा करेंगे तो भगवा रंग का भी जिक्र अवश्य होगा........परन्तु आप तो अण्डर वियर तक ही सिमट गये.........। जिसका रंग खाकी बताया है.......। क्या नज़र है.............क्या अनुभव है............। महिलाओं के निजी अंग प्रत्यंग और परिधानों के बारे में आपका कथन बेजोड़ है..........। हम कौन होते हैं आप पर टिप्पणी करने वाले।
हम आपकी वकालत भी नहीं कर रहे। उन मोहतरमा की तरह जिन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा है कि आप एक यूनिवर्सिटी से बावस्ता हैं और पढ़े-लिखे इन्सान हैं। आपने अण्डर वियर का जिक्र किया है जो उनकी समझ से महिलाओं के अधोवस्त्र यानि अण्डर गारमेण्ट में नहीं आता। हो सकता है उन मोहतरमा का सम्बन्ध आपके राजनैतिक पार्टी से हो। रही बात अरसा 17 साल की तो बताना चाहेंगे कि 2004 से 2019 तक कुल 15 साल हुए हैं, रामपुर की सपा सांसद बनने के पूर्व चुनाव लड़ने की कवायद जयाप्रदा द्वारा 2004 के 2 वर्ष पूर्व से ही किया जाता रहा है। इस तरह कुल मिलाकर हो गए 17 साल। एक पढ़ा-लिखा दिग्गज नामवर, नामदार हस्ती वह भी जमींदार घराने से ताल्लुक रखने वाला कभी कोई छोटी-मोटी गलती नहीं करेगा। हम तो कहेंगे बड़े भाई खान साहब का कलकुलेशन एक दम सही और सटीक है।
यह आलेख लम्बा हो रहा है..............क्यों न हो दो दिग्गजों की जुबानी जंग की कहानी जो है................जितना कुछ लिखा जाए..........वह कम ही है। हम यह नहीं कहेंगे कि पूर्व की अपनी मुँह बोली बहन के अण्डर गारमेन्ट्स की बावत भाषण में टिप्पणी करके जनाब खान साहिब कोई गलती कर रहे हैं.............पढ़े लिखे, धाकड़, कद्दावर, नामवर, नामदार नेताओं के लिए यह सब कहना एक शगल सा बन गया है। अभी चुनावी माहौल है, रैलियों में ऐसा बहुत कुछ सुनने-पढ़ने व देखने को मिलेगा..............। जनाब आजम साहब अपने गठबन्धन के दिग्गजों के बारे में जरूर कुछ न कुछ ऐसी बयानबाजी करेंगे जिससे माहौल 40 डिग्री सेल्सियस के बजाय ब्वायलिंग प्वाइंट तक पहुँचेगा............ तो फिर थोड़ी से प्रतीक्षा..........थोड़ा इन्तजार..........।
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
स्तम्भकार
अकबरपुर-अम्बेडकरनगर (उ.प्र.)
मो. 9454908400




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