जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संयुक्त बैनर तले शैक्षिणक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीसरे दिन वक्ताओं ने उच्च शिक्षा में छात्र-छात्राओं की समस्याएं, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, संसाधन संचालन, वित्तीय प्रबंधन जैसे विषयों पर अपना विचार रखा।
जौनपुर के पूविवि में शैक्षिणक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम को
सम्बोधित करते प्रो. एसके यादव एवं उपस्थित लोग।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले सत्र में एन.सी.ई.आर.टी नई दिल्ली के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. एसके यादव ने शैक्षणिक प्रशासन के लिये भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों एवं प्रशासनिक अधिकारी को न केवल बौद्धिक स्तर, बल्कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता को भी रोजमर्रा के कार्यों में प्रयोग करना चाहिये। इससे छात्र-छात्राआों एवं शिक्षकों के मध्य बेहतर संचार माध्यम स्थापित होगा।
दूसरे सत्र में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय भागलपुर की क्षेत्रीय निदेशक डा. सारा नसरीन ने बेहतर संसाधन के संचालन के लिये सूझ-बूझ से वित्तीय प्रबंधन करने पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन व्यवसाय प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक डा. मुराद अली ने किया। अन्त मे डा. सुशील सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।




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