• खेतासराय में सुनसान स्थान पर चल रहे प्रार्थना सभा का किया विरोध
  • एसडीएम ने दोनों पक्षों को प्रपत्रों के साथ अपनी बात रखने की कही बात

जौनपुर। जिले के खेतासराय थाना क्षेत्र के जमदहा गांव में रविवार को और सोमवार को हफ्ते में दो दिन उक्त गांव के कब्रिास्तान के पीछे जंगल में अस्थाई चर्च बनाकर मिशनरियों की प्रार्थना होती है तथा उनका धार्मिक पाठ होता है जिसमें क्षेत्र सहित दूर-दराज तथा गैर जनपद से लोग सौ से पचास की संख्या में महिलाएं व पुरुष मिलाकर आते है और प्रार्थना करते है।
रविवार की सुबह शिव सेना के जिला उपाध्यक्ष अनुपम पांडेय के नेतृत्व में हिन्दू युवा वाहिनी नगर के संगठन के अनिल प्रजापति, राजेश श्रीवास्तव, आकाश विश्वकर्मा, राबिंस गुप्ता, आदर्श श्रीवास्तव, करण गुप्ता, प्रकाश विश्वकर्मा सहित दर्जनों की संख्या में मौके पर पहुंचकर विरोध किया तो प्रार्थना छोड़ लोग भाग गए कुछ बची हुई महिलाओं से उक्त संगठन के लोगों ने पूछताछ कर विरोध किया।

इससे पूर्व कई बार प्रार्थना को लेकर उक्त अस्थाई चर्च चर्चाओं में रहा लगभग पाँच सालों से यहां यीशु की प्रार्थना होती रही बीच में प्रशासन ने विरोध के चलते रोक लगा दी तो पीडि़त पक्ष उच्च न्यायालय से जिला प्रशासन को तथा स्थानीय पुलिस को पार्टी बनाकर याचिका दायर की जिसको संज्ञान में लेते हुए न्यायालय ने शांतिपूर्ण तरीके से अग्रिम आदेश तक प्रार्थना जारी रखने का आदेश दिया लेकिन आज पुन: संगठन द्वारा रोक दिया गया। संगठन के लोगों का कहना हैं कि चोरी छिपे एकांत में प्रार्थना के नाम पर गरीबों को प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण किया जाता है तथा उन्हें ईसाई बनाया जाता अगर सिर्फ प्रार्थना होती है तो सड़क किनारे या आबादी में किया जाए उसके लिए सुनसान स्थान क्यों चुना जाता है जिसका संगठन विरोध कर रहा है। संगठन के उपाध्यक्ष अनुपम पांडेय ने आरोप लगाते हुए कहा कि विरोध प्रार्थना का नहीं विरोध धर्मांतरण का है जो हिंदुत्व के लिए शुभ संकेत नहीं है।
इस संबंध में उपजिलाधिकारी शाहगंज राजेश वर्मा ने बताया कि जिले में धारा 144 लागू है बिना परमिशन के प्रार्थना हो रही थी विरोध होने पर रोक दिया गया है। मिशनरी द्वारा परमिशन प्रशासन से लेने के बाद चालू कर दिया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से सीओ शाहगंज अजय श्रीवास्तव सहित सरायख्वाजा थाना व साथ ही साथ सर्किल के सभी थाने सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही। प्रशासन ने दोनों पक्ष को किसी तरह शांत कराया तथा अपने प्रपत्रों के साथ दोनों पक्षों को सोमवार होकर अपना अपना पक्ष रखने को कहा। इसी आश्वासन पर मामला शांत हुआ।




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