जलालपुर, जौनपुर। दान करने वाला सदैव बड़ा होता है। जबकि दान लेने वाला छोटा होता है। दान की महत्ता इसी से परिभाषित होती है। हमारे समाज में दान की परंपरा इसी कारण प्रभावी है। उक्त बातें कथावाचक पंडित शत्रुघ्न लाल शुक्ल ने गुरुवार की देर शाम बिबनमऊ गांव में पंडित राजेश मिश्र के आवास पर चल रहे श्रीमद्‌भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के चौथे दिन श्रद्घालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कही।

उन्होंने कहा कि जब जीव के जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होता है। तब जाकर इस धरती पर भागवत कथा श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। कंस के अत्याचारों को खत्म करने के लिए श्री कृष्ण ने जन्म का प्रसंग सुनाते हुए कहा की कारागार में उनका जन्म हुआ और वासुदेव उन्हें गोकुल में नंदबाबा के यहां छोड़ कर आए।
जब गोकुलवासियों को पता चला तो मैया यशोदा धर्म की चर्चा करते हुए भगवान की सुंदर झांकी का दर्शन कराया। सूर्य वंश में प्रभु श्रीराम का अवतार हुआ। श्रीराम का अवतार केवल राक्षसों को मारने के लिए नहीं,बल्कि मानव मात्र को शिक्षा देने के लिए हुआ। चंद्रवंश में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ। लेकिन गोकुल में जन्मोत्सव मनाया गया। नन्द के आनंद भयौ जय कन्हैया लाल की नारे के साथ बालकृष्ण की दिव्य झांकी का दर्शन कराया गया।
इस मौके पर पंडित सूर्यमणि पांडेय, कृष्ण कुमार पांडेय, जयशंकर यादव, सूर्यनारायण पांडेय, संतोष यादव, रमेश मिश्र, मनीष सिंह, अवधेश पांडेय, शरद पांडेय, बुलबुल चौबे, पिंटू सिंह, ज्ञानू सिंह आदि श्रद्घालु उपस्थित रहे।




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