• भारतीय सांकेतिक भाषा में तीन दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन

प्रयागराज। नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय, कोटवा में संचालित विशेष शिक्षा विभाग के अंतर्गत तीन दिवसीय भारतीय सांकेतिक भाषा कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें कुलपति प्रो. पीएन पांडेय ने कि कहा कि मैं पहले इस भाषा को सुनता था कि बधिरों के लिए संकेत भाषा होती हैं। जो अपने कुछ इशारे से अपनी बातचीत या संप्रेषण करते हैं। लेकिन आज मुझे भारतीय सांकेतिक भाषा को देखने का अवसर मिला है।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्राध्यापकों को मुख्य अतिथि एसपी मिश्र, असिस्टेंट प्रोफेसर विशेष शिक्षा विभाग जगदगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट ने बहुत अच्छे तरीक़े से शिक्षण प्रशिक्षण में कार्य करते समय होने वाली एक एक छोटी जानकारी उपलब्ध कराई। सभी अपने क्षेत्र में जाकर बधिर बच्चों के लिए सांकेतिक भाषा का पुरा उपयोग करेंगे।
कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि इस विधि का उपयोग बहुत ही आवश्यक है। सांकेतिक भाषा आदि काल से चलती रही हैं। आप सभी विशेष शिक्षा विभाग के प्रशिक्षण हेतु डीएड, बीएड, एमएड एचआई के छात्राध्यापकों को अच्छी तरह से सिखाया है। उन्होंने विशेष शिक्षा विभाग के निदेशक एसएस मिश्र को धन्यवाद दिया।

विशेष शिक्षा विभाग के निदेशक एसएस मिश्र ने कुलपति प्रो. पीएन पांडेय, कुलाधिपति के सलाहकार प्रो. पीएन राय, प्रो. जटाशंकर तिवारी के प्रति आभार जताया। एसपी मिश्र ने बधिर बच्चों एवं छात्राध्यापकों को सांकेतिक भाषा का विधिवत प्रशिक्षण दिया। तीन दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि एसपी मिश्र ने बताया कि बधिरों के लिए एक हस्त संकेतों को सीखकर अपने घर, परिवार, क्षेत्र, समाज में एक नया आयाम दे सकते हैं। यह भाषा पहले तो कठिन लगता है लेकिन कुछ महीनों के परिश्रम के बाद आप सांकेतिक भाषा में महारत हासिल कर देश दुनिया में नाम रौशन कर सकते हैं।
इस अवसर पर प्रो. पीएन राय कुलाधिपति के सलाहकार, प्रो. जटाशंकर तिवारी डीन मानविकी संकाय, विशेष शिक्षा विभाग की डा. नीतू पांडेय, रश्मि मौर्या, सुनील कुमार, ज्योति भाटिया, रचना उपाध्याय, मनोहर मिश्र, आलोक उपाध्याय, संजय कुमार, सपना, राज सिंह, जयवीर सिंह, कमला देवी आदि उपस्थित रहे।




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