जौनपुर: टाइम मशीन से भूत और भविष्य को देख सकेंगे: प्रो. नवल किशोर | #AAPKIUMMID
AAP KI UMMID | For Advertising Contact- 8081732332
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया सभागार में टाइम मशीन पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता प्रख्यात भौतिकविद एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ हरियाणा के प्रो. नवल किशोर ने प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंस, यूएसए के टाइम मशीन पर पुस्तक "ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम" पर केंद्रित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम टाइम मशीन से अपने भूत और भविष्य को देख सकेंगे। इस मशीन को निर्मित करने के लिए वैज्ञानिकों को सभी अवयव पता है और एक न एक दिन यह सम्भव हो जायेगा। अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक समीकरण दिया था जिसमें भार को ऊर्जा में बदल सकते हैं जो कि सापेक्षता के सिद्धांत पर आधारित थी। इस सिद्धांत में अल्बर्ट आइंस्टीन ने बताया कि कोई भार लाइट की गति से ज्यादा तेज नहीं चल सकता और भार से ऊर्जा पैदा की जा सकती है परंतु इस सिद्धांत पर उनको नोबेल प्राइज नहीं दिया गया बल्कि फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट पर नोबेल पुरस्कार दिया गया।
प्रो. नवल किशोर ने कहा कि समय यंत्र से हम भूत काल और भविष्य काल में घूम सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोई जुड़वा बच्चों में से एक बच्चा समय यंत्र से 10 साल भूतकाल में घूम कर आता है तो दोनों जुड़वा बच्चों की आयु सामान नहीं रहेगी क्योंकि दोनों का समय अलग अलग रहेगा। उन्होंने बताया कि समय यंत्र अभी रियल में नहीं है परंतु सिद्धांत में इसकी मौजूदगी है। टेकिप के समन्वयक प्रो बी बी तिवारी ने स्वागत एवं संचालन छात्रा तन्वी सिंह न किया। इस अवसर कर प्रो. हरि प्रकाश, डॉ. रवि प्रकाश, डॉ. अमरेंद्र सिंह, डॉ. प्रवीण सिंह, रितेश बरनवाल, विशाल, जया आदि उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम टाइम मशीन से अपने भूत और भविष्य को देख सकेंगे। इस मशीन को निर्मित करने के लिए वैज्ञानिकों को सभी अवयव पता है और एक न एक दिन यह सम्भव हो जायेगा। अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक समीकरण दिया था जिसमें भार को ऊर्जा में बदल सकते हैं जो कि सापेक्षता के सिद्धांत पर आधारित थी। इस सिद्धांत में अल्बर्ट आइंस्टीन ने बताया कि कोई भार लाइट की गति से ज्यादा तेज नहीं चल सकता और भार से ऊर्जा पैदा की जा सकती है परंतु इस सिद्धांत पर उनको नोबेल प्राइज नहीं दिया गया बल्कि फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट पर नोबेल पुरस्कार दिया गया।
प्रो. नवल किशोर ने कहा कि समय यंत्र से हम भूत काल और भविष्य काल में घूम सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोई जुड़वा बच्चों में से एक बच्चा समय यंत्र से 10 साल भूतकाल में घूम कर आता है तो दोनों जुड़वा बच्चों की आयु सामान नहीं रहेगी क्योंकि दोनों का समय अलग अलग रहेगा। उन्होंने बताया कि समय यंत्र अभी रियल में नहीं है परंतु सिद्धांत में इसकी मौजूदगी है। टेकिप के समन्वयक प्रो बी बी तिवारी ने स्वागत एवं संचालन छात्रा तन्वी सिंह न किया। इस अवसर कर प्रो. हरि प्रकाश, डॉ. रवि प्रकाश, डॉ. अमरेंद्र सिंह, डॉ. प्रवीण सिंह, रितेश बरनवाल, विशाल, जया आदि उपस्थित रहे।