आइ एम प्राउड ऑफ बीइंग ऐन इण्डियन.............भारत जो इण्डिया है........ मैं उस देश का वासी हूँ जिस देश में गंगा बहती है................आज गोविन्दा की याद आ रही है................जी हाँ हम बॉलीवुड स्टार की बात कर रहे हैं, जिसने एक फिल्म में मुख्य भूमिका निभाया है, उस फिल्म का नाम है- जिस देश में गंगा रहता है.........खैर...............छोड़िए..............चुनाव चल रहा है..........आप उदासीन हों या न हों ये आप पर डिपेण्ड करता है। वोटिंग करते हुए 50 साल बीत गए.........यानि वाटिंग का गोल्डेन जुबली मना लिया..............नेता......अभिनेता....सामान्य जन के बारे में कुछ भी लिखना पढ़ना नहीं है..............हेमा मालिनी मथुरा में हेलीकॉप्टर से जाकर खेतों में खड़ी गेहूँ की फसल काटने का अभिनय करती हैं और फोटो खिंचवाती हैं। शायद आपको मालूम होगा कि फिल्म शोले में ड्रीम गर्ल बसन्ती की भूमिका में थीं और तांगा चलाती थीं।
समय बीत गया........बीत जाएगा........। ये अभिनेता हैं.............सेलीब्रिटी हैं..........माननीय हैं..........और इस तमगे का रिन्यूवल करने के लिए इलेक्शन मैदान में उतर पड़े हैं...............नेता बड़े या अभिनेता ठीक उसी तरह जैसे गुरू जी ने पूछा था कि- राम बड़े या परशुराम...............?
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राम में दो अक्षर हैं और परशुराम में पाँच..........पढ़े-लिखों को इससे ज्यादा कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है.................। उधर खबर मिली है कि निरहुआ भी आजमगढ़ में सट गया है............। कहने का मतलब निरहुआ यानि दिनेश लाल यादव भाजपा के टिकट पर आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और अखिलेश यादव के मुकाबिल होकर जनता से सट गये हैं............यह एक्जिट पोल नहीं है........हमें क्या पड़ी है कि गप्पू, पप्पू, योगी, बुआ-बबुआ और दद्दा व खान साहेब के बारे में कुछ भी लिखें। सोशल मीडिया में बुद्धिजीवी समीक्षकों की बहुतायत है। उन्हीं के आलेखों से पूरा सेनेरियो अटा पड़ा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अब मुझ जैसे लोगों की बारी नहीं आएगी..............चुप भी करो यार............अब कैसे कहा जाएगा कि- सबको देखा बार-बार..............अबकी बार- फलां सरकार..............आखिर कितनी बार कहा जाएगा................हद हो गई................राजेश खन्ना अभिनीत फिल्म रोटी का वह गाना- ये जो पब्लिक है सब जानती है पब्लिक है.......सुनकर बिना पेट्रोल और माचिस के शरीर में भयंकर आग लग जाती है...............बीते माह मुझसे मध्यप्रदेश के एक पत्रकार ने पूछा था कि उत्तर प्रदेश में चुनाव में क्या समीकरण बनेगा और राजनैतिक दलों की क्या स्थिति रहेगी। मैंने स्पष्ट कहा कि भाई जान अपना देश अमेरिका नहीं है................यहाँ राजनैतिक दलों को कम और जातीय उम्मीदवारों को ज्यादा तरजीह दी जाती है..........उत्तर प्रदेश में महागठबन्धन (सपा, बसपा, रालोद) बना है, जिसमें दलित, पिछड़ा एवं सवर्ण मतदाता अपने-अपने चहेते व स्वजातीय उम्मीदवारों को वोट करेंगे। यहाँ चुनावी लड़ाई भाजपा बनाम काँग्रेस नही है। मेरा उत्तर सुनकर वह चुप्पी मारने के पहले बोले- आपकी बात बिल्कुल सही है।
काँग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गाँधी व प्रियंका वाड्रा इस समय मीडिया परसन्स पर काफी मेहरबान हैं। भीड़ में सड़क पर दुर्घटना में घायल पत्रकारों को अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुँचाना व उनके जूता-चप्पल एवं वस्त्र आदि अपने हाथों में ले लेना इन भाई-बहन का शगल बन गया है............................ऐसा देखकर प्रतीत होता है कि ये दोनों किसी भी अभिनेता व अभिनेत्री से कम नहीं............ अपितु सिने स्टार्स को इनसे सीख लेनी चाहिए। राहुल धोती पहने जनेऊ धारण कर अपना गोत्र दत्तात्रेय बनायें.............हमें क्या लेना-देना..........प्रियंका वाड्रा गले में क्रास पहनें या फिर साड़ी इस आदमी पर क्या फर्क पड़ता है। जया प्रदा आजम खान को लेकर मलाल करें कि वह उन्हें अपना भाई मानती हैं..............हरियाणवी डांसर सपना चौधरी किसी दल को अपना न बना सकें..............ये सब पॉल्टिक्स का हिस्सा है..........इस पर ज्यादा सोचना.....लिखना........या कुछ भी कहना मेरी समझ से नासमझी है। इसी बीच हमने सुना कि मेगा स्टार अमिताभ बच्चन ने अब तक की सबसे महंगी कार (82 लाख) खरीदा.................वह कार अब उनके घरेलू फ्लीट में शामिल हो गई है...............।
यही नहीं प्रियंका चोपड़ा जो मिसेज जोनस बन गई हैं को 3 करोड़ की कार गिफ्ट में मिली है.............बताइए प्रियंका बड़ी या मेगा स्टार बिग बी............हम तो समझते हैं कि जितना पैसा 76 वर्ष के अमिताभ बच्चन ने नहीं कमाया होगा उसका कई गुना अधिक पैसा 36 वर्षीय प्रियंका चोपड़ा ने कमा लिया है...............। लिखते-लिखते लव हो जाए.............ठीक उसी तरह हमें इस क्रम में लव हो आया.......प्यार उमड़ा है........वैलेन्टाइन रूपी काले बादल घुमड़े हैं...........धत्त तेरे की.......अपने बड़के भइया लालू जी याद आ रहे हैं...............चुनाव हो और लालू जी का जिक्र न हो...........मजा नहीं आता...........लेखक......समीक्षक.....विचारक.......मूरख कहा जा सकता है...........लालू यादव भइया जेल में हैं...........वहीं रहेंगे..........उनका बाहर आने का मूड नहीं है............भतीजे बिहार को अपने तरीके से बनाने में लगे हैं...............भतीजों से मतलब लालू यादव भइया के दोनों पुत्रों से है.............21वीं सदी चल रही है...........लालू भइया 20वीं सदी के प्राणी से हैं...............ऐसे में 20वीं और 21वीं सदी में तारतम्य कैसे बैठे इससे अच्छा वे अन्दर ही रहें..............।
नितिश कुमार का क्या कहना.............बंगाल की शेरनी ममता दीदी कुछ थकी-थकी सी नजर आ रही हैं............ बहरहाल कुछ भी हो हमें तो इस बार के होने वाले चुनाव को लेकर कोई उत्साह नहीं है..........इसके पीछे क्या कारण हैं...........वह सर्वविदित है...........क्योंकि सबको देखा बार-बार..............यही सोच रहा था..........लिखने का मूड बना रहा था तभी बगल के गाँव के एक पार्टी समर्थक नमूदार हुए बोले डाक्टर बाबू क्यो सोच रहे हैं................हमारा तो सर्व सत्यानाश हो गया...............मैंने चौंक कर पूछा कि ऐसा क्यों तो उन्होंने कहा कि- उत्तर प्रदेश के सी.एम. योगी के खुल्ला सांड़ों ने बीते सर्दी के महीने में भाई को मार-मार कर अधमरा कर दिया था और कल ही गाँव की कई महिलाओं को इन हिंसक सांड़ों ने दौड़ा लिया। वे बेचारियाँ किसी तरह गिरते-पड़ते जान बचा कर भागीं..............भला बताइए............ऐसे में कोई बीजेपी को वोट देगा.............।
फिर आधे घण्टे उपरान्त उन्हीं के मुँह से सुना कि मोदी ने बड़ा अच्छा काम किया है..............किसान सम्मान निधि योजना के तहत उनके गाँव के सभी पात्र लाभार्थियों के खाते में पिछले महीने ही योजना की पहली किश्त आ गई है। अब बताइए खाई मीठ कि माई मीठ.....................कौन ऐसा है जो मोदी को वोट नहीं देगा...............इसी बीच बकलोल आ धमका बोला...........पण्डित जी सुनो ज्यादा बोलो न अबकी काँग्रेस को जिताय देव..........72 हजार सालाना लेव..............। ऐसा राहुल भइया कहेन हैं...............।
तभी कानों में आवाज पड़ी जय भीम.........जय भारत.............राम बुझावन गरज कर बोला काव बकर-बकर कर रहे हो.............अबकी बार बहन जी हाथी पै बैठ के दिल्ली पी.एम. की कुर्सी पर बैठे वाली हैं..............भीड़ जुटती गई...........अखिलेश समर्थकों ने नारा लगाया अखिलेश भइया जिन्दाबाद............इस बार महागठबन्धन के सहयोग से केन्द्र में बनेगी सरकार............बाबू जी यानि मुलायम सिंह यादव पी.एम. होंगे। भीड़ में हल्ला-गुल्ला ज्यादा बढ़ गया.............आवाज आ रही थी.........बहन जी के रहते मुलायम सिंह कभी पी.एम नहीं बन सकते..........2 जून 1995 को हुए लखनऊ गेस्ट हाउस काण्ड को बहन जी अब भी नहीं भूली हैं, गिन-गिन कर बदला लेंगी।
यह सब सुनकर मेरा दिमाग चकरियाने लगा..............मैं खामोश हो गया था..............।
देखा कुछ लोग दलीप अण्डा वाले के यहाँ अण्डा रोल, चिकन रोल और बिरयानी के साथ शराब पी रहे हैं.................किसी ने कहा यही असली लोकतन्त्र है, जिसमें धर्म......जाति का विलुप्तीकरण हुआ देखा जा सकता है........इस समय नवरात्र चल रहा है यदि ऐसा न होता तो नॉनवेज और वेज में अन्तर दिखता लोग धार्मिक त्योहारों पर नॉनवेज से परहेज करते............. मस्तिष्क में सन्नाटा छाया हुआ...........कुछ भी समझ में नहीं आ रहा..........अभिनय सम्राट दिलीप कुमार की फिल्म सगीना का वह गाना जिसके बोल- आग लगी हमरी झोपड़िया में हम गावैं मल्हार, देख भाई कितने तमाशे की जिन्दगानी हमार..................है याद आना लगा...............ऐसा क्यों न हो हम आम ही सही हैं तो लोकतन्त्र के मतदाता............जिसके एक वोट मात्र से किसी भी कैन्डीडेट की जीत और हार सुनिश्चित होती है.............बस..........आज बस इतना ही.....।
भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
वरिष्ठ नागरिक/स्तम्भकार
अकबरपुर, अम्बेडकरनगर (उ.प्र.)
मो. 9454908400

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