जौनपुर: पूर्वांचल विश्वविद्यालय का हो सकता है बंटवारा, पढ़ें पूरी खबर | #AAPKIUMMID
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का दायरा घटाने की तैयारी शुरू हो गई है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध दो जनपदों आजमगढ़ और मऊ के कालेजों को आजमगढ़ में बन रहे राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध करने की तैयारी है। आजमगढ़ और मऊ के 352 कालेज पूर्वांचल विश्वविद्यालय से अलग हो जाएंगे। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 453 कालेज शेष बचेंगे। कालेजों की संख्या घटने के कारण विश्वविद्यालय की आर्थिक व्यवस्था प्रभावित होगी। शासन ने आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए मंजूरी दे दिया है। बंटवारे के बाद पूर्वांचल में कालेजों की संख्या लगभग आधी हो जाएगी। वर्तमान में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से 805 कालेज संबद्ध हैं। इन कालेजों में 4.85 लाख छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थापना दो अक्तूबर 1987 की गई थी। पूूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय का दायरा घटाकर उससे जुडे कालेजों पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध कर दिया गया। स्थापना के समय पूर्वांचल के 12 जिलों जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, संत रविदास नगर भदोही, कौशांबी, इलाहाबाद और सोनभद्र के कुल 68 कालेज संबद्ध थे।
वर्ष 2009 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कालेजों की संख्या बढ़कर करीब 700 के पहुंच गई। लेकिन वर्ष 2009 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय का पहला बंटवारा हुआ। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से की स्थापना हुई। जिसमें वाराणसी, चंदौली, भदोही, सोनभद्र, मिर्जापुर समेत 209 कालेजों को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध कर दिया गया।
बंटवारे के बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कालेजों की संख्या बढ़कर 805 पहुंच गई है। लेकिन इसी बीच सरकार ने आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना करने की घोषणा कर दिया है। जिसमें आजमगढ़ और मऊ जिले के कालेजों को आजमगढ़ से संबद्ध करने की तैयारी है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. समर बहादुर सिंह का कहना है कि शासन से आजमगढ में राज्य विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए मंजूरी दे दिया है। आमजगढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। आजमगढ़ और मऊ के 352 कालेज राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध होना तय है। इस बंटवारे से पूर्वांचव विश्वविद्यालय को वित्तीय संकट से जूझना पड़ेगा। बंटवारे से विश्वविद्यालय की आय करीब 40 फीसद कम जाएगी। इसके प्रभाव परिसर के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन और विकास पर पड़ेगा।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थापना दो अक्तूबर 1987 की गई थी। पूूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय का दायरा घटाकर उससे जुडे कालेजों पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध कर दिया गया। स्थापना के समय पूर्वांचल के 12 जिलों जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, संत रविदास नगर भदोही, कौशांबी, इलाहाबाद और सोनभद्र के कुल 68 कालेज संबद्ध थे।
वर्ष 2009 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कालेजों की संख्या बढ़कर करीब 700 के पहुंच गई। लेकिन वर्ष 2009 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय का पहला बंटवारा हुआ। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से की स्थापना हुई। जिसमें वाराणसी, चंदौली, भदोही, सोनभद्र, मिर्जापुर समेत 209 कालेजों को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध कर दिया गया।
बंटवारे के बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कालेजों की संख्या बढ़कर 805 पहुंच गई है। लेकिन इसी बीच सरकार ने आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना करने की घोषणा कर दिया है। जिसमें आजमगढ़ और मऊ जिले के कालेजों को आजमगढ़ से संबद्ध करने की तैयारी है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. समर बहादुर सिंह का कहना है कि शासन से आजमगढ में राज्य विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए मंजूरी दे दिया है। आमजगढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। आजमगढ़ और मऊ के 352 कालेज राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध होना तय है। इस बंटवारे से पूर्वांचव विश्वविद्यालय को वित्तीय संकट से जूझना पड़ेगा। बंटवारे से विश्वविद्यालय की आय करीब 40 फीसद कम जाएगी। इसके प्रभाव परिसर के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन और विकास पर पड़ेगा।