जैनब आकिल खान
ये 3 शब्द जब सुनने में आते हैैं, मानो दिल में एक नया जोश सा जाग जाता हैै। वो जोश जो सच में, हकीकत में एक वो नेशन यानी एक वो राष्ट्र बनाना चाहता हैै जहां सिवाय भाईचारे के और कुछ न हो जहां सिवाय प्रेम और उन्नति के कुछ न हो, उस एक राष्ट्र में धर्म और सियासत के नाम पर बात-बात पर लड़ाई की कोई जगह भी न हो।
वहीं एक ओर हम एक एजेण्डे की बात करते हो, वो एक एजेण्डा जो हम सब पर लागू हो जिससे न किसी को तकलीफ पहुंचे और न ही किसी को चोट पहुंचे, वह एजेण्डा कैसा होना चाहिये? मेरी नजर से अगर देखा जाय तो देखा जाय तो ये ”एक एजेण्डा” कुछ इस तरह का हो जिससे गरीब और अमीर में कोई फर्क न रह जाय। हर गरीब अपने को अमीर समझने लग जाय और उस एजेण्डे के अन्तर्गत गरीब भी अपना हर त्योहार पूरी खुशी के साथ अमीरों की तरह बनाने लग जाय। ”एक एजेण्डा” कुछ इस तरह बनना चाहिये जिसमें लोग अपनी मर्जी से अपने शौक से अपने मजहब व धर्म का बेखौफ होकर पालन कर सके जो हर किसी के हक में सही हो तथा जिससे किसी को भी ज्यादती या दिली तकलीफ न पहुंचे। जो किसी भी एक धर्म या एक मजहब या किसी एक समुदाय के लोगों को आगे रखकर न बनाया जाय, बल्कि छोटे और बड़े लोगों में फर्क किये बिना सबको एक समान मानकर बने, ताकि हर कोई उस पर चल सके। वही दूसरी ओर हम बात कर लेते हैै ”एक आवाज” की।
जैनब आकिल खान।
”एक आवाज” जैसा कि हम सब जानते हैै कि ”एक आवाज” वह एक आवाज हो जिसमें सबकी सहमति हो, जो हर किसी के मन से निकले। वो ”एक आवाज” महज एक लोग या एक धर्म जाति या एक मजहब की न हो, बल्कि वह आवाज हर धर्म, जाति, मजहब, गरीब अमीर, छोटे से लेकर बड़े सभी लोगों की मिलकर एक नई आवाज होनी चाहिये और उस आवाज का नाम ”हिन्दुस्तानी आवाज” होना चाहिये। यकीन मानिये फिर वो ”एक आवाज” सही माने में राष्ट्र की आवाज के लिये होगी जो आपस में मिल-जुलकर रहने की होगी। जो बात-बात पर धर्म और सियासी मामले पर लड़ाई-झगड़े की बात न करे, बल्कि भाईचारे की आवाज होगी।
जिस आवाज से हर गरीब के दिल को सुकुन हासिल हो, जो हर मजलूम के जख्म पर मरहम का काम कर सके। भले ही वह होगी ”एक आवाज” लेकिन वह हमारे राष्ट्र की एक ऐसी आवाज होगी जो लड़कियों के हक के लिये होगी, जो हमारे राष्ट्र को पूरी दुनिया में एक नया परचम बुलंद करने के काबिल बना देगी लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये 3 चीजें कायम हो सकती हैैं?
”एक राष्ट्र हकीकत में कायम हो सकता हैै, क्या ”एक राष्ट्र एक एजेण्डा एक आवाज की बात हकीकत में की जा सकती हैै।
जहां बात-बात पर लोग धर्म व सियासी मामले पर्र इंट-पत्थर चलाने लग जायं, जहां लोग एक-दूसरे की कामयाबी न देख सके, जहां आपसी दुश्मनों को जानलेवा दुश्मनी बनते देर लगे, जहां लड़कियों के साथ खिलवाड़ करने से पहले कोई एक बार न सोचे, गरीबों का मजाक बनाना लोगों की शान बन जाय। जहां लोग भ्रूण हत्या की लालसा रखते हो, क्या वहां एक नेशन एजेण्डा, एक आवाज की बात की जा सकती हैै?
इसी के साथ एक सच यह भी हैै कि अगर यह ख्बाव सच में पूरा हो गया तो ये एक नेशन, एक एजेण्डा, एक आवाज एक ऐसा राष्ट्र कायम कर देगा जहां कोई गरीब कभी भूखा नहीं सोयेगा, जहां कोई भू्रण हत्या के बारे में सोचेगा भी नहीं। धर्म व मजहबी मामले पर आपसी मतभेद कभी नहीं होगी। जहां आपसी दुश्मनी कभी जानलेवा दुश्मनी नहीं बनेगी, जहां लड़कियां बेखौफ होकर जी सकेगी।
उनकी इज्जत के साथ खिलवाड़ करने से पहले हर कोई सोचेगा ”लेकिन 100 बात की एक बात हैै”। ‘एक नेशन एक एजेण्डा‘ एक आवाज वह चीज है जो कभी खुद से नहीं बन सकती हैै। इसके लिये हम सबको मिलकर एक नया कदम उठाना होगा तो आईये मिलकर बनाते हैैं। ‘एक वह नेशन‘, एक वह राष्ट्र, जो हर किसी को हो गरीब से लेकर अमीर, हर धर्म के लोगों का हो। आईये मिलकर बनाते हैं वह ‘एक एजेण्डा‘ जो हर किसी पर लागू हो? छोटे से लेकर बडे़ हर इंसान पर, जिस पर लोग पूरी उमंग व ईमानदारी के साथ चल सके।
आईये मिलकर उठाते हैैं वह ‘एक आवाज‘ जो हर उस गरीब की आवाज हो जो भूखा सो जाता हैै। जो हर उस मजलूम लड़की की हो जिसकेे साथ लोगों ने खिलवाड़ करने से पहले एक बार नहीं सोचा, जो उस मासूम बच्ची को ही जिसे पैदा होने से पहले ही मार दिया जाता हैै, वह आवाज जो हर मजलूम की हो, जो उस मां की भी आवाज को जो अपना बेटा सरहदों पर हमेशा के लिये खो देती हो और फिर ये तीन चीजों का मिशन मिलकर हमारे राष्ट्र में एक नये सवेरा लायेगा।
सम्पर्क सूत्र- 9838740521






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