जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में शैक्षणिक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के पांचवे दिन वक्ताओं ने यूजीसी के नियमों, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की जवाबदेही, संस्थागत शासन और संस्थागत ब्रांडों के निर्माण जैसे अनेक विषयों पर चर्चा की।
शनिवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और आईएएस अधिकारी प्रो. के. शहीद ने भारत और विदेशों में संस्थागत उत्कृष्टता के मामलों की उदाहरण सहित व्याख्या की। उन्होंने कहा कि संस्थागत ब्रांडों के निर्माण में निरंतर सुधार की आवश्यकता है। बेंचमार्किंग और गुणवत्ता सुधार की कठोर प्रक्रियाओं के जरिए आईआईटी और आईआई जैसे ब्रांड्स बनाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रभावी जनसंपर्क प्रमुख हितधारकों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और संस्थागत ब्रांड का निर्माण करता है। विभिन्न संस्थानों और कॉलेजों को सकारात्मक प्रभाव बनाने के लिए सरकार, प्रेस, वित्तीय संस्थानों और समाज के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए। इसके पहले कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया, नई  दिल्ली के प्रो. अफताब आलम ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के कई नियमों को समझाया, जो कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में हो सकते हैं।
उन्होंने बेहतर प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की जवाबदेही में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। यह जागरूकता शिविर, प्रशिक्षण सत्र, अन्य संवेदीकरण अभ्यासों के जरिए किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन व्यवसाय प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष और कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मुराद अली ने किया।




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