• नौ दिवसीय रामकथा के तीसरे दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

सिकरारा, जौनपुर। खानापट्टी गांव में ग्राम देवता मन्दिर पर चल रहे नौ दिवसीय रामकथा के तीसरे दिन सोमवार की रात कथा का रसपान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कथा के बीच-बीच में संगीतमय भजन व समापन के बाद संतो द्वारा की जाने वाली आरती के बोल सुनकर लोग भाव विभोर हो गए।
प्रख्यात कथावाचक वनबासी महाराज ने कहा कि अहंकार मानव के समूल विनाश का कारण है। सद्भावना व प्रेम से सबको साथ रहने की सीख मिलती है। समाज को एकता के सूत्र में बांधने के लिए हर घर में श्री रामचरित मानस का अनुसरण होना चाहिए। जब पूरा देश जब एक सूत्र में बंध जाएगा तो राम राज्य का सपना साकार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रामकथा श्रवण से गंगा स्नान के समान पुण्य मिलता है। भागीरथी गंगा में पापियों को तारने की शक्ति है तो वही कार्य रामकथा रूपी गंगा से भी संभव है।

कहा कि जो फल सतयुग में ध्यान समाधि से, त्रेता और द्वापर युग में यज्ञ आदि के करने से प्राप्त होता था वहीं पुण्य कलयुग में कथा श्रवण करने मात्र से प्राप्त होता है। रामकथा लोगों को एकता के सूत्र में बांधती है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को कथा के दौरान कथा वाचक द्वारा धर्म पथ पर चलना सिखाया जाता है। कथा केवल श्रवण करना ही नहीं बल्कि उसको अपने जीवन में उतारना ही धर्म हैं। यानि मनुष्य अपने मन को ठीक करे व चरित्र को संभाले तो तीसरी सीढ़ी पर श्रीराम के दर्शन हो जाते हैं। आयोजक दिनेश सिंह ने पत्नी के साथ श्री रामचरित मानस का पूजन अर्चन किया।
इस अवसर पर सन्तोष सिंह फौजी, अवधूत कुटी के सेवक दीपरा सिंह, शिक्षक अवधेश सिंह, यदुनाथ सिंह, लाल प्रताप सिंह, जय प्रकाश सिंह, प्रधान बैजनाथ यादव, बीडीसी राहुल यादव आदि का सक्रिय योगदान रहा।




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