जौनपुर। जिले के जफराबाद थाने की पुलिस फातिमा के स्थान पर आमिना को जेल भेज दिया। हालांकि पुलिस का कहना है कि दोनों नाम एक ही महिला के हैं। जबकि आरोपी महिला अपने सारे पहचान पत्रों के साथ थाने में दुहाई देती रही कि वह फातिमा नहीं है उसका नाम आमिना है। और सारे पहचान पत्र आमिना के नाम से ही हैं।
दरअसल जफराबाद थाना क्षेत्र के सैय्यदअलीपुर में जुलाई वर्ष २०१७ में हुई मारपीट के मामले में कोर्ट के आदेश पर सलीम और उनके परिवार की फातिमा, मुस्लिम, आसमा के के खिलाफ केस दर्ज था। न्यायालय में हाजिर न होने पर वारंट जारी हुआ। पुलिस वारंट लेकर पहुंची तो कहा गया कि फातिमा नाम से सलीम के घर में कोई नहीं है। पुलिस ने घर में मौजूद आमिना को पहचान पत्र लेक थाने बुलवाया।

वह आधार कार्ड, वोटर आईडी लेकर थाने गई तो पुलिस ने एक न सुनी और आमिना को ही जेल भेज दिया। वारंट पर दो दिन पूर्व जफराबाद पुलिस ने सैयद अलीपुर मोहल्ले में दबिश देने पहुंची। दबिश के दौरान परिवार के लोगो ने फातिमा के नाम का कोई भी सदस्य घर में नही होने की बात पुलिस को बताई। मुकदमे में दर्ज रिश्ते व नाम के हिसाब से फातिमा के बजाय अमीना नाम होना चाहिए था। जबकि ऐसा नहीं था। ऐसे में पुलिस ने अमीना को जफराबाद थाने पर थानाध्यक्ष के समक्ष अपने नाम का प्रमाण पत्र लेकर पहुंचने का निर्देश दिया।
अमीना अपना आधार कार्ड तथा वोटर आईडी कार्ड आदि पहचान पत्र लेकर जफराबाद थाने पर पहुंची। थानाध्यक्ष के समक्ष मामला पहुंचने पर उन्होंने अमीना की एक नहीं सुनी और उसका चालान कर दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि मामला न्यायालय का है। न्यायालय के आदेश पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। न्यायालय के आदेश गिरफ्तार कर जेल भेज गया है। अमीना को अपनी जो भी सफाई पेश करनी है वह न्यायालय में प्रस्तुत करें। लेकिन अभी न्यायालय से उसे जमानत नहीं मिल पाई है।




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