जौनपुर। परिषदीय विद्यालयों में फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी कर रहे सात अध्यापकों को गुरुवार को बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी की कार्रवाई करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह ने संबंधित शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और उनसे रिकवरी के निर्देश खंड शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं।
बर्खास्त किए गए सातो अध्यापकों ने मोअल्लिम और टीईटी की फर्जी अंक पत्र के सहारे वर्ष 2016 में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल कर ली थी। उन्होंने जामियां उर्दू विश्वविद्यालय अलीगढ़ से मोअल्लिम और टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) का फर्जी अंक पत्र बनवाया लिया था।

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नौकरी ज्वाइन करने के बाद शासन का निर्देश था कि शिक्षकों के किन्ही दो प्रमाण पत्रों की सत्यापन रिपोर्ट आने पर उन्हें वेतन भुगतान कर दिया जाए। इन शिक्षकों के दूसरी डिग्री के सत्यापन रिपोर्ट आने पर वेतन का भुगतान कर दिया गया था। अब मोअल्लिम और टीईटी के प्रमाण पत्र की सत्यापन रिपोर्ट आई तो पता चला कि उनकी डिग्री फर्जी है।
फर्जी प्रमाण पत्रों के आरोप में जिन सहायक अध्यापकों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है उनमें सुइथाकला ब्लाक के उर्दू प्राथमिक वि. पूरा असालत खां में तैनात नरसिंह यादव, उर्दू प्रा. वि. जमदरां में तैनात राजाराम सिंह, वाल्मीकपुर में तैनात सदावृज यादव, शाहगंज ब्लाक के उर्दू प्राथमिक वि. जमदहां में तैनात रामप्यारे यादव शामिल हैं। मुफ्तीगंज ब्लाक के उर्दू प्रा. वि. मुर्की में तैनात राजबहादुर यादव, रामपुर के पृथ्वीपुर में तैनात राकेश चन्द्र यादव, महराजगंज ब्लाक के उर्दू प्रा.वि. लोकापुर में तैनात सिम्मी सिंह शामिल है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह ने बताया कि बर्खास्त किए गए सभी शिक्षकों के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने और उन्हें वेतन के रूप में भुगतान की गई रकम की रिकवरी कराने के लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।




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