जौनपुर। जिले के सरांवा गांव में स्थित शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर शनिवार को हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी व लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने देश की आज़ादी की लड़ाई के दौरान हुए जलियावाला बाग नरसंहार कांड में शहीद हुए चार सौ से अधिक महान क्रांतिकारियों का 100वाँ बलिदान दिवस मनाया।
कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक पर मोमबत्ती व अगरबत्ती जलाया और दो मिनट का मौन रखकर सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए लक्ष्मी बाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि आज के ही दिन 13 अप्रैल सन् 1919 में पंजाब के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश शासन के अत्याचारी जनरल आर ई एच डायर ने असहयोग सभा कर रहे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवाई जिससे चार सौ से अधिक लोग मारे गए और एक हज़ार से अधिक लोग घायल हो गए।

उन्होंने कहा कि आज भी जलियावाला बाग में 388 अमर शहीदों का नाम शिलापट पर दर्ज है। उन्होंने कहा कि जिस समय यह नरसंहार हो रहा था, उस समय अमर शहीद उधम सिंह वहां मौजूद थे। इस कांड का बदला लेने के लिए उधम सिंह ने 13 मार्च 1940 को लंदन के कैक्स्टन हाल में बम विस्फोट किया और ब्रिटिश गवर्नर माइकल ओ डायर को गोली से उड़ा दिया। अंग्रेजों ने इससे नाराज होकर 21 जुलाई 1940 को शहीद उधम सिंह को भी फांसी पर लटका दिया था।
उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में आयोजित एक शांतिपूर्ण बैठक में ब्रिगेडियर जनरल रेगीनाल्ड डायर ने गोली चलवा दी थी, जिसमें हजारों निहत्थे पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए थे। संसद ने जलियांवाला बाग को एक अधिनियम “जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक अधिनियम 1951” पारित कर राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया था। इस स्मारक का प्रबंधन जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक न्यास (जेबीएनएमटी) करता है। इस अवसर पर धरम सिंह, मैनेजर पांडेय, अनिरुद्ध सिंह, दिशा, मंजीत कौर आदि मौजूद रहे।




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