जौनपुर। लाइनबाजार थाना क्षेत्र के जगदीशपट्टी मोहल्ले में गुरुवार को हुए आक्सीजन सिलेंडर विस्फोट मामले की मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने डिप्टी कलेक्टर राकेश कुमार को जांच अधिकारी बनाया है। इस तरह के हादसे से बचने के लिए सभी एसडीएम को लिखित निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अपने इलाकों में इस बात की छानबीन कर लें कि कहीं रिफिलिंग का धंधा न होने पाए।
यह धंधा पूरी तरह से अवैध है और जांच में कहीं गैस रिफिलिंग होता पाया गया तो संबंधित इलाके के एसडीएम उसके लिए जिम्मेदार होंगे। जिलापूर्ति अधिकारी को भी इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं। उधर हादसे में दो अन्य मृतकों की भी पहचान कर ली गई। पुलिस सभी के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।

मकान मालिक हरिश्चंद्र पटेल के पुत्र वेद प्रकाश पटेल की तहरीर पर लाइनबाजार थाने की पुलिस ने सिलेंडर विस्फोट मामले में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस को दी गई तहरीर में वेद प्रकाश ने कहा है कि उनके मकान में सिंह आक्सीजन गैस एजेंसी थी। एजेंसी संचालक द्वारा आक्सीजन सिलेंडर के रखरखाव में लापरवाही के चलते हादसा हुआ। पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। उधर हादसें में मारे गए जिन दो लोगों के शव की पहचान गुरुवार को नहीं हो सकी थी उनकी भी शिनाख्त कर ली गई है।
हादसे में मृत एजेंसी मालिक प्रेम प्रकाश सिंह(३५), मडिय़ाहूं के मुकरपुर निवासी अधिवक्ता रामयश यादव (४०) और केराकत के खटहरा निवासी आंशू (२०) के शव की पहचान गुरुवार को ही कर ली गई थी। जबकि दूसरे दिन जिन दो शवों की पहचान की गई उसमें सुरेश यादव (४०) निवासी शिवापार थाना लाइनबाजार और मटरू विश्वकर्मा निवासी वाराणसी के रूप में हुई है। पुलिस ने सभी के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। जहां परिजनों ने शव का अंतिम स्कार गोमती नदी के रामघाट पर कर दिया।




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