जौनपुर। महराजगंज ब्लाक के घुसकुरी ग्राम पंचायत के मुस्लिम बस्ती में शौचालय न होने से लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। शासन की मंशा पर पानी फेरने वाला यह गांव मुसलमान बस्ती का जीता-जागता प्रत्यक्ष प्रमाण है।
ग्रामीणों के अनुसार ग्राम प्रधान व कोटेदार दोनों पिता-पुत्र हैं। कोटेदार का पुत्र ग्राम प्रधान है जो कोटा खाद्यान्न व प्रधानी दोनों चलाता है। कोटेदार का नाम व प्रधान का नाम अलग है। परेशान जनता विरोध नहीं कर पा रही है। जनता के अन्दर डर यह है कि कहीं विरोध जताने पर राशन कार्ड, सरकारी आवास सहित अन्य सुविधाओं में फेरबदल न कर दिया जाय, क्योंकि दोनों कमान एक ही घर में है।

गांव के मोहम्मद नसीम, इम्तियाज, मंजूर, वसीर, अलाऊ, मैनुद्दीन सहित अन्य लोगों का कहना है कि जान-बूझकर प्रधान परेशान करने की नियत से सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। प्रधान की उपेक्षा के शिकार बस्ती करीब के 50 घरों की 4 सौ की आबादी में से दो-चार घरों को छोड़ किसी घर में शौचालय नहीं है। जो शौचालय हैं, वे भी उनके निजी धन से बने हैं। बाकी सैकड़ों महिला, पुरूष, बच्चे आदि आज लाचार होकर खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
इस बाबत पूछे जानेपर ग्राम प्रधान दिनेश गुप्ता का कहना है कि घुसकुरी गांव की डेढ़ सौ लोगों के नाम की सूची भेजी गयी है। धन के अभाव में शौचालय नहीं बनाया जा सका है।




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