जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में शैक्षणिक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीसरे दिन गुरुवार को स्रोत विद्वानों द्वारा प्रतिभागियों को उच्च शिक्षा के अन्तर्राष्ट्रीयकरण एवं प्रभावशाली संसाधन संग्रहित करने के अनेक तरीके बताए।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग के प्रो. एचपी माथुर ने कहा कि आज के बाजारीकरण युग में उच्च शिक्षण संस्थानों को एक-दूसरे से सहकारिता सहयोग करने से छात्रों को अन्तर्राष्ट्रीय अनावरण मिलता है। भारत में आईआईटी एवं आईआईएम यह कार्य बखूबी निभा रहे हैं। जिसके कारण इनके छात्रों की  पूरी विश्व में मांग है।

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ऊर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रो. एहतेशाम अहमद ने प्रशिक्षण के दूसरे सत्र में उच्च शिक्षण संस्थान के कुशल संचालन के लिए सार्थक बजट प्रक्रिया एवं प्रभावशाली संसाधन संगठित करने का महत्व बताया। जिससे संसाधनों का कम से कम नुकसान हो और शिक्षण संस्थान बेहतर प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा कि वित्तीय उत्तरदायित्व एवं स्वायत्तता के सही तालमेल से प्रभावशाली शासकीय संचालन संभव हो सकता है।
संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मुराद अली एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रमेन्द्र विक्रम सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. अशोक श्रीवास्तव, डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ. विनोद कुमार सिंह, डॉ. वन्दना दूबे, डॉ. अरविन्द कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. राजेंद्र सिंह, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।




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