जौनपुर। पाप, ताप व संताप को दूर करने वाली श्रीमद्भागवत की कथा कलि, कलुष, विध्वंसिनी, मानव जीवन का सर्वस्व जीवन दर्पण, भक्ति, भाव का प्रकाशक ज्ञान की गंगा एवं आध्यात्म को आन्दोलित करने वाली कथा का नाम श्रीमद्भागवत है।
उक्त विचार समाजसेवी त्रिवेणी तिवारी की पुण्य स्मृति में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भावगत कथा के छठवें दिन कथावाचक डा. रामानन्द जी ने व्यक्त किया। नगर से सटे हरदीपुर गांव में आयोजित कथा में वाचक जी ने कहा कि जीवन में भक्ति बाद में मुक्ति को भी प्रदान करती है।
जौनपुर के हरदीपुर गांव में चल रहे 7 दिवसीय
श्रीमद्भागवत में कथा करते वाचक डा. रामानन्द।
 इतना ही नहीं, पाप व पातक को भी दूर करती है। धुन्धकारी जैसे पापी को सद्गती एवं आत्मदेव जैसे आत्म ज्ञानी को ब्रह्म साक्षात्कार भी कराती है। उन्होंने कहा कि यह कथा भक्ति के दुख की निवृत्ति ज्ञान वैराग्य को पुष्ट करती है। कुन्ती की स्तुति से प्रसन्न होकर स्वतः अपने आपको प्रदान कर दिया।
भीष्म की स्तुति को सुनकर निर्वाण प्रदान कर दिया। इस दौरान भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण आदि के जीवन पर आधारित झांकी की भी प्रस्तुति की गयी। इस अवसर पर सुजीत तिवारी, अखिलेश चन्द्र, विरेन्द्र पाण्डेय सहित तमाम भक्तजन उपस्थित रहे। अन्त में मुख्य यजमान त्रिलोक प्रसाद तिवारी व श्रीमती कान्ती देवी ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।






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