• आतंकी की मां व कुछ दस्तावेज तलब करने के संबंध में उसके अधिवक्ता देंगे प्रार्थना पत्र

जौनपुर। श्रमजीवी विस्फोट कांड के आतंकी आलमगीर उर्फ रोनी की उम्र के संबंध में इलाहाबाद से आए डॉक्टर महातिम सिंह व डॉ. समीर श्रीवास्तव ने किशोर न्याय बोर्ड के मजिस्ट्रेट के समक्ष गवाही दर्ज कराई। बताया कि सीएमओ कार्यालय इलाहाबाद में कोर्ट के आदेश पर आरोपी का मेडिकल परीक्षण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार रोनी की उम्र 35 वर्ष से अधिक है। उसका चिकित्सीय परीक्षण करने के किशोर न्याय बोर्ड के मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी इलाहाबाद को दिया था।

लोअर कोर्ट से मृत्यु दंड की सजा से दंडित किए गए बांग्लादेशी आतंकवादी रोनी के मामले में न्यायमित्र रहे अधिवक्ता श्याम शंकर तिवारी का कहना है कि वह रोनी की मां को कुछ दस्तावेजों के साथ कोर्ट में हाजिर करने की अनुमति लेंगे जिससे साबित हो सके कि विस्फोट कांड के समय रोनी अवयस्क था। सजायाफ्ता आतंकी रोनी ने हाईकोर्ट में अपील में स्वयं को घटना के समय अवयस्क होने का आधार दिया।
हाईकोर्ट ने किशोर न्याय बोर्ड को आदेश दिया कि एक माह के भीतर आरोपी की अवयस्कता के संबंध में जांच कर रिपोर्ट भेजें। हाईकोर्ट के आदेश किशोर न्याय बोर्ड के मजिस्ट्रेट ने पत्रावली अविलंब तलब किया है।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ने 30 जुलाई 2016 को बांग्लादेशी आतंकवादी रोनी को ट्रेन में बम रखने का आरोपी पाते हुए मृत्युदंड व जुर्माने की सजा सुनाया था। ओबैदुर्हमान को भी कोर्ट द्वारा मृत्यु दंड से दंडित किया गया था जिसकी अपील हाईकोर्ट में लंबित है। श्रमजीवी ट्रेन में बम रखने के आरोपी हिलाल तथा विस्फोट कांड में सहयोग के आरोपी नफीकुल विश्वास की पत्रावली बहस में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट में लंबित है।




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