जौनपुर। सदर लोकसभा क्षेत्र के कुलहनमऊ गांव की दलित बस्ती के लोगों ने मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है। बस्ती के लोगों की नाराजगी इस बात से है कि उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता। जिससे उनके बच्चों को न तो स्कूलों में स्कॉलरशिप का लाभ मिल पाता है और न ही अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ मिलता है । बस्ती के लोग जाति प्रमाण पत्र के लिए कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। इस बार चेतावनी दी है कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया तो वे मतदान का बहिष्कार करने के साथ अपना धर्म परिवर्तन भी कर लेंगे।

सिकरारा विकास खंड के कुल्हनामऊ गांव की दलित बस्ती की आबादी करीब पांच हजार है। बस्ती के लोग मजदूरी कर के जीवन यापन करते हैं। उनका दावा है कि वे दलित हैं लेकिन उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता। इसी समाज के वीरबल भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जिला महामंत्री हैं। वह कहते हैं कि यह बड़ी विडंबना है। इसी जाति के दूसरे जिलों में जो रिश्तेदार हैं उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र दिया जाता है।
इस जिले में भी पहले प्रमाण पत्र जारी किया जाता रहा लेकिन अब यह कह दिया जाता है कि वे अनुसूचित जाति में नहीं आते। जबकि अनुसूचित जाति की ही उप जाति नोना है जिससे इस समाज के लोग ताल्लुक रखते हैं। कुल्हनामऊ गांव निवासी लालजी कहते हैं कि उन्हें तहसील से अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र पहले जारी हुआ था। वह १५ साल तक ग्राम प्रधान भी रहे। लेकिन उनके ही बेटे का अब प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है। उनके पुत्र पवन कुमार काशी विद्यापीठ से बीएसएसी के छात्र हैं। उनका कहना है कि आज तक उन्हें कभी वजीफे का लाभ नहीं मिला। इसकी वजह कि उन्हेंं जातिप्रमाण पत्र नहीं दिया गया। यही नहीं अन्य शासकीय योजनाओं से भी इस समाज के लोग वंचित हैं। बस्ती के लोगों ने गांव में बोर्ड लगा दिया है कि अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं तो वोट नही। चुनाव से पहले प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया तो धर्म परिवर्तन करने की भी चेतावनी दी है।
भाजपा के अनुसूचित मोर्चा के जिला मंत्री बीरबल कहते हैं कि  बस्ती के  लोगों ने तय कर लिया है कि इस बार लोकसभा चुनाव से पहले अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं बना तो वे वह हिंदू धर्म छोड़क दूसरा धर्म अपना लेंगे।




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