• 14 मार्च को भण्डारे के साथ सम्पन्न होगा 7 दिवसीय कथा

  जौनपुर। परमात्मा को प्राप्त करने के लिये भक्ति का मार्ग सबसे सरल व सुगम है परंतु भक्ति निस्काम भाव से करनी चाहिये। हम लोग भक्ति सकाम भाव से करते हैं। निस्काम भाव की भक्ति में भगवान से कुछ मांगा नहीं जाता। जीवन में कितने भी संकट आये परन्तु दृढ़ता के साथ भक्ति में भी लगा रहना चाहिये। जैसी भक्ति सुदामा जी ने किया।
जौनपुर नगर से सटे हरदीपुर गांव में चल रहे
श्रीमद्भावत में कथा करते वाचक डा. रामानन्द।
भगवान श्रीकृष्ण ने स्वतः उनकी सेवा किया। उक्त विचार नगर से सटे हरदीपुर गांव में आयोजित 7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में वाचक डा. रामानन्द जी ने व्यक्त किया। समाजसेवी त्रिवेणी तिवारी की पुण्य स्मृति में बीते 7 मार्च से आयोजित कथा का समापन 14 मार्च को भण्डारे के साथ होगा। इस दौरान तमाम झांकियों की प्रस्तुति हुई जिसको देखकर उपस्थित श्रोतागण भाव-विभोर हो गये।
इस अवसर पर मुख्य यजमान त्रिलोकी प्रसाद त्रिपाठी, कान्ती देवी के अलावा विकास तिवारी, अखिलेश पाण्डेय, विरेन्द्र पाण्डेय, सुजीत तिवारी, अविनाश पाण्डेय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।





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