• महाशिवरात्रि में गौरीशंकर धाम का रहता है विशेष महत्व

सुजानगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र का श्री गौरीशंकर धाम प्राचीन और विशाल मंदिर है। यह मंदिर सुजानगंज से मछलीशहर मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर ऐतिहासिक शक्तिपीठ के साथ साथ श्रद्धा और विश्वास का केंद्र बन गया है।
मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू एवं कालातीत होने के साथ साथ अर्धनारीश्वर के रूप में है, जो अद्वितीय है। इस मंदिर के विषय में कहा जाता है कि जहाँ यह मंदिर स्थापित है वहां पहले घनी झाड़िया थी। 14वीं सदी की बात है लोग अपनी गायो को चराने के लिए लाते थे। एक दिन एक गाय इसी घनी झाड़ी में घुस गयी और काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिली। शाम को जब स्वामी अपनी गाय को ढूंढते ढूंढते झाड़ी के समीप पंहुचा तो वहां का दृश्य देख आश्चर्यचकित रह गया। गाय एक स्थान पर शांतचित्त खड़ी थी और उसके स्तन से दूध अपने आप एक काले पत्थर पर गिर रहा था।
इस दृश्य को देखकर उसने कई लोगो को इसके विषय में बताया तभी किसी को स्वप्न आया कि उस पत्थर को उखाड़ो मत बल्कि वही एक मंदिर का निर्माण करा दो। इसके बाद सामूहिक रूप से इस मंदिर का निर्माण करा दिया गया। जहां पर भारी संख्या में दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और पूजा अर्चन कर मनोकामनाएं मांगते हैं।
गौरीशंकर धाम में लगा भक्तों का रेला
सुजानगंज। क्षेत्र के श्री गौरीशंकर धाम फरीदाबाद सुजानगंज पर सोमवार को शिव भक्तों की दर्शन करने के लिए लगी भीड़। भारी संख्या में श्रद्धलुओं ने लिया हिस्सा लगी रहीं लम्बी कतारे अपने अपने पारी का रहे इंतजार सुबह 5 बजे मंदिर का दरवाजा खुलते ही लोग हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए लाइन में लगे। श्रद्धालुओं ने शिव जी को जल, बेलपत्र, धतुर, गाय का दूध, गंगा जल, भांग, काला तिल, नीलकंठ और पुष्प अर्पित कर भक्ति के साथ पूजा अर्चना की। वहीं पर सुरक्षा वयवस्था को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
क्षेत्राधिकारी बदलापुर व थानाध्यक्ष सुजानगंज संजय राय ने मेला परिसर में भ्रमण करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को देखते रहे। वहीं मंदिर के सचिव सुधीर तिवारी का कहना है कि लगभग दो हज़ार से अधिक शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया।




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