जौनपुर। समस्त अवतारी महापुरूषों ने मानव मात्र को सदैव काल से एक ही संदेश दिया है कि सभी एक ही प्रभु की संतान हैं। प्रभु ने इंसान को अपना स्परूप प्रदान किया है। भाषा, जाति, धर्म आस्था, संस्कृति के आधार पर भिन्नता नजर आती है परन्तु सब एक हैं।
जौनपुर में आयोजित संत समागम में संदेश देते
केन्द्रीय प्रचारक प्रो. सूद एवं उपस्थित लोग।
हमें अपने अन्दर झांककर देखना होगा कि हम कहां खड़े हैं? उच्च अवस्था वाला वहीं होता है जिसका कर्म और व्यवहार उज्जवल होता है। ब्रह्मज्ञानी की यही पहचान है कि वह उज्जवल जीवन जीकर दिखायें और समाज को प्रभावित करें। उक्त बातें जफराबाद फाटक व पनौली में उपस्थित विशाल संत समूह को सम्बोधित करते हुये शिमला (हिमांचल प्रदेश) से आये केन्द्रीय ज्ञान प्रचारक प्रो. एस.एल. सूद ने कही।
इस अवसर पर लालमनी विश्वकर्मा, उदय नारायण जायसवाल, नन्द लाल प्रधान, डा. रीता यादव, शंकर दयाल, लालमनी यादव, रजनीश, राजेश, कमलेश तिवारी, प्रभाकर सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। मंच का संचालन बाल किशन जायसवाल ने किया।





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