लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपनी सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हम प्रदेश का परसेप्शन बदलने में सफल रहे हैं। पहले 100 दिन, फिर छह महीने, उसके बाद एक वर्ष और अब दो वर्ष पूरे होने पर हम अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आपके समक्ष उपस्थित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 मार्च, 2017 को जब हमारी सरकार सत्ता में आयी, उस समय और उसके पहले पूरे प्रदेश में अराजकता, असुरक्षा का वातावरण व्याप्त था। राज्य के संसाधनों को लूटने की होड़ मची थी। नौजवान पलायन करने को मजबूर थे। प्रदेश के किसान आत्महत्या करने को मजबूर थे। हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण और दंगे इस प्रदेश की पहचान बन गए थे। प्रदेश के कैराना और कंधाला जैसे कस्बों से लोग पलायन करने को मजबूर हो गए थे। खनन, वन और भू माफिया, सत्ता संरक्षण पाकर प्रदेश के संसाधनों को लूट रहे थे। वर्तमान सरकार के सामने प्रदेश के बिगड़े माहौल को सुधार कर सुरक्षा एवं सुशासन की स्थापना करना चुनौती थी।

प्रदेश में कानून का राज कायम हुआ है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी। पुलिस की कार्यप्रणाली में राजनैतिक हस्तक्षेप समाप्त किया गया। अपराधियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई के करने लिए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिये गये, जिसका परिणाम है कि वर्तमान सरकार के प्रारम्भिक 2 वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ। अपहरण और एसिड अटैक की कोई घटना नहीं हुई।
20 मार्च 2017 से 15 मार्च 2019 की अवधि में पुलिस और अपराधियों की बीच हुई 3,539 मुठभेड़ों में 8,135 अपराधी गिरफ्तार किये गये। इसमें 2,746 इनामी अपराधी भी शामिल हैं। शातिर अपराधियों के खिलाफ की गई कार्यवाही में 1,041 अपराधी घायल हुए तथा 73 दुर्दान्त अपराधी पुलिस की आत्मरक्षार्थ कार्रवाई में मारे गए। वहीं 13,886 अपराधियों ने स्वयं जमानत निरस्त करा कर न्यायालयों में आत्म समर्पण कर दिया। इस सबके बीच दुरूखद यह रहा कि इस अभियान में 600 पुलिसकर्मी घायल हुए तथा पुलिस के पांच बहादुर जवान भी शहीद हुए इन सबके बीच सबसे अच्छी खबर यह रही कि प्रदेश के जिन हिस्से से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया था, वहां पर लोगों में कानून और सरकार पर विश्वास जगा और वे लोग वापस घर आने लगे।
दो सालों में प्रदेश में 1.50 लाख से ज्यादा का निवेश हुआ है
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के अंदर सुरक्षा के बेहतर माहौल देने के कारण आज पूरे देश के अंदर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था एक नजीर बनी है। सुरक्षा के इस माहौल के कारण आज प्रदेश के अंदर पांच लाख करोड़ रुपये तक के निवेश का प्रस्ताव भी हम सबको प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्ष के दौरान हमारी सरकार प्रदेश के अंदर 1.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कराने में सफल रही है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 2007 से 2012 के बीच बहुजन समाज पार्टी की सरकार में प्रदेश के अंदर केवल 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो पाया था। वहीं 2012 से 2017 के बीज समाजवादी पार्टी की सरकार में मात्र 57 हजार करोड़ रुपये का निवेश निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में हो पाया था। इन दो वर्षों में विगत 10 वर्षों की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा निवेश कराने में हमारी सरकार सफल रही है। जिससे 15 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। इसके साथ ही पूरी पारदर्शिता के साथ 2 लाख 25 हजार युवाओं को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी दी गई है।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार ने 68 वर्षों के बाद उत्तर प्रदेश स्थापना दिवास मनाना शुरू किया। इस अवसर पर ‘’वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट’’ जैसी अभिनव योजना की शुरुआत की गई। प्रत्येक जनपद के विशिष्ट उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक जनपद, एक उत्पाद योजना संचालित की जा रही है। इसके माध्यम से अब तक 05 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इनमें से 21 लाख 84 हजार 513 लाभार्थियों को 17 हजार 431 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराते हुए उनका थ्पदंदबपंस प्दबसनेपवद हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पारम्परिक कारीगरों एवं हस्तशिल्पियों यथा, बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची, राजमिस्त्री आदि के परम्परागत कौशल को और निखार कर उनके आजीविका के साधनों के सुदृढ़ीकरण हेतु ‘’विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’’ प्रारम्भ की है। इस योजना के माध्यम से अगले 03 साल में 01 लाख लोगों को टूलकिट प्रदान किया जाएगा तथा 06 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षण एवं मानदेय देकर लाभान्वित किया जाएगा।
दो सालों में किसानों के लिए किए गए कई अभिनव कार्य
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा सत्ता संभालने के बाद 36 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान से लाखों लघु एवं सीमांत किसानों की एक लाख रुपये तक की कर्ज माफी की गई है। यह योजना देश की अब तक की सबसे सफलतम योजना है। जिसके जरिए वर्षों से कर्ज के बोझ तले दबे लाखों लघु एवं सीमांत किसानों का औसतन 60 हजार रुपये प्रति किसान का कर्ज माफ किया गया है। वर्ष 2016-17 में 7.97 लाख मी0 टन गेहूं की सरकारी खरीद आढ़तियों और बिचैलियों के माध्यम से की गयी थी, जबकि वर्ष 2017-18 में 36.99 लाख मी0 टन गेहूं की खरीद किसानों से सीधे की गई। वर्ष 2018-19 में 52.92 लाख मी0 टन गेहूं की सरकारी खरीद की गई और किसानों के खातों में 9231.99 करोड़ रुपये का 72 घण्टे के अन्दर ऑनलाइन भुगतान किया गया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में 35.14 लाख मी0 टन धान की खरीद हुई, यह खरीद भी आढ़तियों एवं बिचैलियों के माध्यम से हुई थी, जबकि वर्ष 2017-18 में 42.90 लाख मी. टन धान की खरीद किसानों से सीधे की गई। वर्ष 2018-19 में किसानों से 48.20 लाख मी. टन धान की सीधी खरीद करते हुए, किसानों के बैंक खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से लगभग 8538 करोड़ रुपये के धान मूल्य का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2019-20 हेतु मूल्य समर्थन योजना के तहत 55 लाख मी0 टन गेहूं क्रय करने का निर्णय लिया है। इसके तहत गेहूं का क्रय भारत सरकार द्वारा घोषित गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,840 रुपये प्रति कुन्तल की दर से किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा छनाई एवं उतराई के लिये किसानों को 20 रुपये प्रति कुन्तल का अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा। गेहूं खरीद के लिए प्रदेश में 6,000 क्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। गेहूं खरीद 1 अप्रैल से 15 जून, 2019 तक की जाएगी। गेहूं क्रय का मूल्य का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे गेहूं क्रय के 72 घण्टे के अन्दर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार ने 2011-12 से लेकर 2017-18 तक के गन्ना मूल्य बकाया रुपये 57 हजार 578 करोड़ का भुगतान दो वर्ष में कर के दिखाया है। पिछली सरकार अपने पांच साल में इतने गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं कर पाई थी। यही नहीं, हमने उनकी सरकार के बकाये का भी भुगतान किया है। 22 फरवरी 2019 को शुरु हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक अभिनव प्रयास है। इस योजना की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के एक करोड़ 3 लाख किसानों को पहली किस्त दी जा चुकी है। आने वाले समय में इस योजना से राज्य के दो करोड़ 14 लाख किसान लाभान्वित होंगे। विगत दो वर्षों को देखा जाए तो किसानों का एक भी आंदोलन उत्तर प्रदेश में देखने को नहीं मिला है।
महिला कल्याण में हुए कई बेहतर कार्य
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला कल्याण के लिए भी हमारी सरकार ने पिछले दो वर्षों में बहुत सारी योजनाएं आगे बढ़ाई हैं। इसमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से महिलाओं को 1 करोड़ 12 लाख निशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए। प्रदेश के अंदर 2 लाख 66 हजार से अधिक महिला स्वंय सेवी समूहों का गठिन किया गया है। इन महिला समूह को 6 सौ करोड़ से अधिर रिवॉल्विक फंड देकर स्वावलम्बन की भावना को बढ़ाया गया है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए वीमेन हेल्प लाइन 181 लागू की गई है। इसके साथ प्रदेश के सभी 75 जनपदों के लिए रेस्क्यू वैन की सुविधा प्रारम्भ की गई है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान’ के तहत प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना की इस बजट में व्यवस्था की गई है। इसके तहत 6 श्रेणियों में 15 हजार रुपये तहत प्रत्येक बालिका को उसके अकाउंट में दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में पाई सफलता
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले दो साल में हमारी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया है। प्रदेश में 15 नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रही है। प्रदेश के गोरखपुर और रायबरेली में दो एम्स बन रहे हैं, दोनों एम्स में ओपीडी प्रारम्भ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों को पहले चरण में 150, दूसरे चरण में 100 लाइफ सपोर्ट वैन उपलब्ध कराई गई है। पहले चरण में ही वैन्स से 78 हजार से अधिक मरीजों की जान बचाई जा चुकी है। आज बड़े जनपद में चार तो छोटे जनपद में तीन लाइफ सपोर्ट वैन कार्यरत है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के 6 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष, 5 लाख रुपए की निरूशुल्क चिकित्सा बीमा की सुविधा दी जा रही है। गैर बीपीएल आबादी के 56 लाख लोगों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल किया गया है।
गरीबों के लिए शुरु की गई कल्याणकारी योजनाएं
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का ही अगर उदाहरण लें तो पिछली सरकार ने दो सालों में पीएम आवास योजना (शहरी) में केवल 20 हजार आवास ही सैंक्शन किए थे, जबकि भाजपा सरकार 24 महीने में इस योजना में 11 लाख से अधिक आवास स्वीकृति किए जा चुके हैं। पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में पिछली सरकार दो साल में 63 हजार से ज्यादा आवास नहीं दे पाई थी। जबकि हमारी सरकार मात्र 24 महीने में 12 लाख 82 हजार आवास गरीबों को स्वीकृति कर चुकी है। इस तरह से देखा जाए तो पिछली सरकार 24 महीने में 83 हजार आवासों की स्वीकृति मात्र दे पाई थी, जबकि हमारी सरकार 24 महीने में 23 लाख 82 हजार आवास गरीबों को दे चुकी है। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा हुई। पिछली सरकार ने ढाई साल में 41 लाख शौचायल बनाए, जबकि हमारी सरकार 24 महीने में 2.49 करोड़ शौचालय बनाकर बेस लाइन सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है।
प्रदेश का राजस्व बढ़ाने में भी पाई सफलता
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष 4.5 प्रतिशत था। हमारी सरकार के कुशल वित्तीय प्रबन्धन से वर्ष 2017-18 में राज्य का राजकोषीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत हो गया। पूर्ववर्ती सरकार का रेवेन्यू सरप्लस 1.6 प्रतिशत था, जबकि हमारी सरकार के कार्यकाल में रेवेन्यू सरप्लस बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में खनन में सालाना राजस्व संग्रह 1,400 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,200 करोड़ रुपये, आबकारी में राजस्व संग्रह 13,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 29,000 करोड़ रुपये तथा मण्डी शुल्क 600 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,800 करोड़ रुपये वार्षिक हो गया है।
पार्टी मुख्यालय पर हुई प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री जी के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा, प्रदेश महामंत्री व एमएलसी विद्यासागर सोनकर उपस्थित रहे।




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