जौनपुर: कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में हाईकोर्ट ने लगाया 25 हजार का जुर्माना | #AAPKIUMMID
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जौनपुर। सरकारी भूमि के मामले में कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में हाईकोर्ट ने सरायख्वाजा क्षेत्र के लालमनपुर निवासी कलावती पत्नी मोती लाल पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। उक्त वाद की पैरवी नायब तहसीलदार मान्धाता प्रताप द्वारा की गई।
उप जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के तहसील सदर के पाल्हामऊकला गांव में पंचायत भवन खाते की भूमि है। जिस पर तत्कालीन लेखपाल द्वारा राजबहादुर यादव पुत्र रामसेवक यादव का कब्जा मानकर भू राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। तहसील सदर न्यायिक के कोर्ट में वाद की सुनवाई शुरू हुई। जिमसें 22 जुलाई 2017 को अवैध अतिक्रमणी राजबहादुर को बेदखल कर दो हजार रूपए अर्थदण्ड लगाया गया। उक्त आदेश एक पक्षीय था जिसके विरूद्ध राजबहादुर ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जो सुनवाई के उपरांत 17 नवंबर 2017 को स्वीकार कर लिया गया। जांच में एक पक्षीय आदेश पाए जाने निरस्त कर दिया गया। इसके बाद बेदखली की कार्यवाही समाप्त करते हुए नोटिस वापस ले ली गई।
मौके पर राजबहादुर का अनाधिकार कब्जा नहीं पाया गया। इसके बाद तहसीलदार न्यायिक के आदेश के विरूद्ध याचिनी कलावती देवी पत्नी मोतीलाल ग्राम लालमनपुर द्वारा उ.प्र. राजस्व संहिता 2006 की धारा 67 (5) के न्यायालय अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व में कलावती देवी बनाम सरकार आदि वाद दर्ज है। जबकि याचिनी कलावती को यह पता है कि आदेश निरस्त किया जा चुका है और बेदखली का वाद समाप्त किया गया है। नोटिस वापस की गई है। इसके बावजूद कलावती द्वारा उक्त मामले के विरूद्ध अपर जिलाधिकारी के न्यायालय में अपील योजित किया है। जो विचाराधीन है। जिसके कारण न्यायालय का समय बर्बाद हुआ। याचिनी की रिट याचिका बलहीन है जो निरस्त किए जाने योग्य है।
उक्त वाद की पैरवी के लिए नायब तहसीलदार मान्धाता प्रताप सिंह ने अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व की मूल पत्रावली लेकर हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। फाइल को देखकर न्यायमूर्ति ने याचिनी कलावती पत्नी मोतीलाल निवासी लालमनपुर पर 25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया।
उप जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के तहसील सदर के पाल्हामऊकला गांव में पंचायत भवन खाते की भूमि है। जिस पर तत्कालीन लेखपाल द्वारा राजबहादुर यादव पुत्र रामसेवक यादव का कब्जा मानकर भू राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। तहसील सदर न्यायिक के कोर्ट में वाद की सुनवाई शुरू हुई। जिमसें 22 जुलाई 2017 को अवैध अतिक्रमणी राजबहादुर को बेदखल कर दो हजार रूपए अर्थदण्ड लगाया गया। उक्त आदेश एक पक्षीय था जिसके विरूद्ध राजबहादुर ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जो सुनवाई के उपरांत 17 नवंबर 2017 को स्वीकार कर लिया गया। जांच में एक पक्षीय आदेश पाए जाने निरस्त कर दिया गया। इसके बाद बेदखली की कार्यवाही समाप्त करते हुए नोटिस वापस ले ली गई।
मौके पर राजबहादुर का अनाधिकार कब्जा नहीं पाया गया। इसके बाद तहसीलदार न्यायिक के आदेश के विरूद्ध याचिनी कलावती देवी पत्नी मोतीलाल ग्राम लालमनपुर द्वारा उ.प्र. राजस्व संहिता 2006 की धारा 67 (5) के न्यायालय अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व में कलावती देवी बनाम सरकार आदि वाद दर्ज है। जबकि याचिनी कलावती को यह पता है कि आदेश निरस्त किया जा चुका है और बेदखली का वाद समाप्त किया गया है। नोटिस वापस की गई है। इसके बावजूद कलावती द्वारा उक्त मामले के विरूद्ध अपर जिलाधिकारी के न्यायालय में अपील योजित किया है। जो विचाराधीन है। जिसके कारण न्यायालय का समय बर्बाद हुआ। याचिनी की रिट याचिका बलहीन है जो निरस्त किए जाने योग्य है।
उक्त वाद की पैरवी के लिए नायब तहसीलदार मान्धाता प्रताप सिंह ने अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व की मूल पत्रावली लेकर हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। फाइल को देखकर न्यायमूर्ति ने याचिनी कलावती पत्नी मोतीलाल निवासी लालमनपुर पर 25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया।