• गुणवत्ता युक्त शिक्षा से खुशहाल होगा देश: लालजी टंडन
  • आवश्यकताओं को सीमित करने की जरुरत- प्रो. सुंदर लाल
लखनऊ। शिया पीजी कॉलेज के इतिहास एवं एशियन कल्चर विभाग द्वारा गुरुवार को दो दिवसीय 'महात्मा गांधी कल और आज विषयक' राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में संगोष्ठी के मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि महात्मा गांधी ने हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर अहिंसा के साथ जीत हासिल की थी। गांधी का विचार कल भी जरुरी था आज भी जरुरी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अनुकरणीय होगा।
उन्होंने कहा कि समाज और देश तब तक खुशहाल नहीं होगा जब तक हमारे पास तालीम ना हो। शिक्षण संस्थानों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने में अपनी महती भूमिका अदा करनी होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है यह बहुत सुखद है।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति गांधी विचारक प्रो. सुंदरलाल ने संगोष्ठी में विषय प्रवर्तन किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के दर्शन से हमारे मन में सत्य, अहिंसा व त्याग की भावना पैदा होती है। आज पर्यावरण संरक्षण की समस्या वैश्विक हो गई है अगर महात्मा गांधी के विचारों को हम आत्मसात करें और प्रकृति से प्रेम करें तो बहुत समस्याओं का निदान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हमने अपनी आवश्यकताओं को इतना अधिक बढ़ा लिया है उस पर चिंतन करने की जरूरत है।
इसके साथ ही जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रो. अजीजुद्दीन, प्रो. असगर वजाहत एवं इग्नू के प्रोफेसर रविंद्र कुमार, मौलाना यासूब अब्बास ने भी विचार व्यक्त किये। सत्र की अध्यक्षता बोर्ड आफ ट्रस्टीज के अध्यक्ष प्रोफेसर अजीज हैदर ने की। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य तलत हुसैन नकवी ने किया। संचालन डॉ. अब्बास रजा नय्यर ने किया। अतिथियों ने संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन किया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सरताज सबर रिजवी, निदेशक डॉ. सरवत फातिमा, सचिव डॉ. अमित कुमार राय,  डॉ. मुनेंद्र सिंह रहे। इस अवसर पर डॉ. महेंद्र नाथ राय, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. नफीस, डॉ. आलोक, डॉ. मोहम्मद अली, डॉ. फौजिया बानो, डॉ. सीमा राना आदि मौजूद रहे।




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