• शहीदों के सम्मान में राष्ट्रीय कवि संगम ने आयोजित की गोष्ठी

जौनपुर। साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में सिटी स्टेशन रेलवे क्रासिंग के पास स्थित सद्भावना कालोनी में रविवार को शहीदों के सम्मान में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों व शायरों ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते काव्यपाठ किया। कार्यक्रम की शुरुआत गोष्ठी की आयोजक कवयित्री विभा तिवारी ने सरस्वती वंदना से की।

गोष्ठी में वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देते वरिष्ठ रचनाकार गिरीश श्रीवास्तव गिरीश ने कहा कि दुश्मनों से कह दो अपने देश पर अभिमान है, एक एक कतरा लहू का देश पर कुर्बान है। देश अपना गर्व करता है शहादत पर तेरे, ऐ शहीदों आप से कायम वतन की शान है। गिरीश ने कई मुक्तक व अवधी भाषा में गीत पढ़कर गोष्ठी को ऊंचाई प्रदान की। राष्ट्रीय कवि संगम के मार्गदर्शक आशुतोष पाल ने गजल पढ़कर तालियां बजवाई। देवेन्द्र पाण्डेय चराग की शेर व गजल सराही गई। राजेश पाण्डेय ने कैसा जिया घबराए नआए सजना, कैसा कंगा गढाए न भाए सजना गीत सुनाकर सभी को गदगद कर दिया।
रामजीत त्रिपाठी की कविता सराही गई। शायर अंसार जौनपुरी ने शहीदों के सम्मान मे गजल पढ़ी। उनकी गजल गर्क तूफां में जब मांझी की अना होती है, कश्तिए नूर वहीं राहनुमा होती है सराही गई। राहुल राज मिश्र ने गीत आइए आइए पास तो आइए, दिल के सरगम के गीतों को सुन जाइए प्रस्तुत किया।
विभा तिवारी ने मैने जो मोहब्बत को जताया नहीं होता, तो तूने मेरे दिल को दुखाया नहीं होता गजल पढ़ कर गोष्ठी को ऊंचाई प्रदान की। वरिष्ठ कवि ओमप्रकाश मिश्र ने प्रेम की व्याख्या करते लम्बी कविता पढी। गोष्ठी के मुख्य अतिथि स्वामी विवेकानन्द इन्टर कालेज मडि़याहूं के प्रधानाचार्य विनोद कुमार तिवारी, अध्यक्षता रमेश चन्द्र सेठ व संचालन युवा कवि अमृत प्रकाश ने किया।




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