जौनपुर। केराकत कोतवाली क्षेत्र के एक ईंट भट्टे पर काम करने वाले चार बच्चे सोमवार को भागकर करंजाकला ब्लाक कार्यालय पहुंच गए। चारो बच्चों की उम्र महज चार वर्ष से १० वर्ष के बीच है। बच्चों का आरोप है कि उनके माता पिता ईंट भट्टा मालिक से पैसे लेकर घर चले गए और भट्ठा मालिक ने उन्हें गिरवीं रख लिया।
सोमवार को भट्टा मालिक उनसे जबरन ईट पथाई का काम करवा रहा था। बच्चे नहीं कर सके तो उनकी पिटाई की गई। दोपहर में मौका पाकर चारो बच्चे वहां से भाग निकले। शाम को करीब चार बजे ये बच्चे करंजाकला ब्लाक मुख्यालय पहुंचे। वे भूख और प्यास से भी परेशान थे। यहां खंड विकास अधिकारी ने उन्हें खाना खिलवाया और बच्चों को बाजार से गर्म कपड़े मंगवाकर पहनाए। इसकी सूचना सरायख्वाजा थाना पुलिस और चाइल्ड हेल्पलाइन को दी गई।
भट्टे से भागकर आए बच्चों में बूना (१०), अंजलि (८), वीरू (५) और  करिया (४) वर्ष का है। १० वर्षीय बूना ने बताया कि उसेक पिता बेचू निवासी शंभूनगर थाना मेहनगर आजमगढ़ केराकत में स्थित एक ईंट भट्ठे पर काफी दिनों से काम करते हैं। घर पर रह रहा उनका २२ वर्षीय भाई होली को चोट लग गई जिससे वह अस्पताल में भर्ती है। भाई के इलाज के लिए पिता बेचू ने भट्ठा मालिक से पैसे लेकर मां मीरा के साथ दस दिन पहले घर चले गए।
बूना ने बताया कि पापा उन्हें भी अपने साथ ले जाना चाहते थे लेकिन भट्ठा मालिक ने उन्हें पैसे के एवज में गिरवीं रख लिया। सोमवार को उनसे जबरन ईंट पथवाया जा रहा था। बच्चे ईंट नहीं पाथ सके तो उनकी पिटाई की गई। दोपहर में मौका पाकर चारो बच्चे भाग निकले। बदहवास बच्चे शाम को करीब चार बजे करंजाकला ब्लाक परिसर में पहुंचे गए।
यहां परिसर में मौजूद देवकली गांव निवासी मनोज यादव ने बच्चों की समस्या पूछी फिर उन्हें लेकर बीडीओ साहब सरन रावत के पास पहुंचे। बीडीओ ने बच्चों की समस्या जानना। उनके तन पर फटे पुराने कपड़े थे। बीडीओ ने बाजार से गर्म कपड़े मंगवाए और बच्चों का खाना खिलाया। सूचना पर बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय मौके पर पहुंचे और बच्चों को लेकर शहर पहुंच गए। बच्चों को चाइल्ड हेल्प लाइन की देखरेख में रखा गया है। सीओ सदर विनय द्विवेदी ने ऐसी किसी जानकारी से अनभिज्ञता जताई है।





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